Self Driving Car: बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप कंपनी माइनस जीरो (Minus Zero) ने अपनी पहली जेडपोड (zPod) कार को शोकेस किया है, जो ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम कॉन्सेप्ट पर आधारित है.
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India first Self Driving Car: भारत में ऑटोनोमस कार का सपना अभी काफी दूर माना जा रहा था. लेकिन एक स्टार्टअप कंपनी ने भारत की पहली सेल्फ ड्राइविंग कार (India's first self-driving car) पेश करके सभी को चौंका दिया. यानी देश में जल्द ही ऑटोनॉमस कार सड़कों पर दौड़ती मिल सकती हैं. बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप कंपनी माइनस जीरो (Minus Zero) ने अपनी पहली जेडपोड (zPod) कार को शोकेस किया है, जो ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम कॉन्सेप्ट पर आधारित है. इसका आकार एक टोस्टर के आकार के जैसा है और ग्लोबल मार्केट की कुछ ऑटोनॉमस गाड़ियों के समान है. इस कार के सेल्फ-ड्राइविंग कैमरा-सेंसर सुइट की मदद से यह सभी तरह की परिस्थितियों और मौसम में अपने-आप ड्राइव कर सकती है.
माइनस जीरो Zpod की सबसे खास बातों में से एक यह है कि इसमें स्टीयरिंग व्हील नहीं है. इसके बजाय, यह ट्रैफ़िक समेत ड्राइविंग परिस्थितियों को समझने के लिए हाई-रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरों का इस्तेमाल करता है. कंपनी का कहना है कि ऑटोनॉमस कार को लेवल 5 ऑटोनॉमी तक बढ़ाया जा सकता है, जो कि सेल्फ ड्राइविंग कार में सबसे ज्यादा हो सकता है. ऑटोनोम लेवल 5 कार बिना किसी इंसान की सहायता लिए खुद चलने में सक्षम होती है.
ऐसे काम करते हैं कैमरा सेंसर
zPod का कैमरा-सेंसर वाहन के आसपास की रियल टाइम इमेज कैप्चर कर सकता है. इन तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम के साथ साझा किया जाता है. एआई रुकावटों से बचने के लिए तस्वीरों के माध्यम से वाहन को नेविगेट करने, उसकी स्पीड को नियंत्रित करने और यहां तक कि रुकने का काम करता है. ग्लोबल मार्केट में मौजूद बाकी सेल्फ ड्राइविंग कारों से अलग माइनस ज़ीरो महंगे सेंसर के बजाय कैमरा तकनीक पर निर्भर करता है.