कार खरीदने वालों की टेंशन होगी दूर! सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला
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कार खरीदने वालों की टेंशन होगी दूर! सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला

पूरी दुनिया में करीब साल भर से चिप का संकट जारी है. कोरोना महामारी का इस इंडस्ट्री पर जो बुरा असर पड़ा उससे अभी तक लोग उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में चिप के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी हो रही है.

चिप की किल्लत दूर करने के लिए सरकार विचार कर रही है....

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में करीब साल भर से चिप का संकट जारी है. कोरोना महामारी का इस इंडस्ट्री पर जो बुरा असर पड़ा उससे अभी तक लोग उबर नहीं पाए हैं. ऐसे में चिप के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी हो रही है. देश में मेक इन इंडिया जैसे प्रोजेक्ट्स लॉन्च होने के बावजूद अभी तक लगभग पूरी दुनिया चिप के मामले में चीन और ताइवान पर निर्भर है.  

  1. भारत में कब दूर होगा सेमीकंडक्टर/चिप का संकट?
  2. सबसे ज्यादा प्रभावित देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री
  3. केंद्र की मोदी सरकार कर रही इस विषय में विचार

सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

चिप और सेमीकंडक्टर की कमी (Chip/Semiconductor Shortage) से भारत (India) की ऑटो (Auto Industry) समेत कई इंडस्ट्री पर बेहद बुरा असर पड़ा है. इसलिए अब इस क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर (Aatmanirbhar Bharat) बनाने की रणनीति पर काम हो रहा है. ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) आज की बैठक में इस दिशा में एक अहम फैसला ले सकता है और 76 हजार करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम (Incentive Scheme) को मंजूरी दी जा सकती है.

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सरकार देगी प्रोत्साहन

बिजनेस टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम (Semiconductor Manufacturing Ecosystem) तैयार करने के लिए कई प्रोत्साहन दे सकती है. इसमें सेमीकंडक्टर वेफर फैब्रिकेशन यूनिट (Semiconductor Wafer Fabrication Unit) लगाने में खर्च होने वाली पूंजी पर 25 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) भी शामिल है. इसी तरह एसेम्बलिंग (Assembling), टेस्टिंग (Testing), पैकेजिंग (Packaging) और चिप डिजाइन (Chip Design) के लिए भी प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं.

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चिप हब बनेगा इंडिया?

सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की यह सेमीकंडक्टर पॉलिसी (Semiconductor Policy) भारत को चिप मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है. मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (MEITY) इस फैसले को नोटिफाइ कर सकता है और कंपनियों को भारत में चिप इंडस्ट्री (Chip Industry) लगाने पर निवेश करने का न्यौता दिया जा सकता है.

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गौरतलब है कि सेमीकंडक्टर यानी चिप का इस्तेमाल कार (Car) से लेकर लैपटॉप (Laptop) और टीवी (TV) से लेकर वॉशिंग मशीन (Washing Machine) बनाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है. वहीं देश में अगर सेमीकंडक्टर और चिप का उत्पादन होगा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा.

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