Myth Of Shani Dev: न्याय के देवता शनि देव की जब किसी राशि पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो ऐसी मान्यता है कि उन जातकों को काफी कष्ट भोगना पड़ता है. हालांकि, ऐसा नहीं है, शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं
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Shani Sade Sati: शनि देव महाराज इंसान को उनको कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. जब शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो इंसान के कर्मों का हिसाब होता है. ऐसे में जब भी कोई शनि देव का नाम सुनता है तो उनको मन में भय का आशंका उत्पन्न होने लगती है. ऐसे में शनि की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय करते हैं. हालांकि, शनि देव हमेशा अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं, उनकी कृपा अगर किसी इंसान पर पड़ जाए तो वह रंक से राजा तक बन जाता है.
शुभ फल
शनि देव को लेकर कई मिथक हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस मिथक के पीछे क्या सच्चाई है. शनि देव हमेशा अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं. वह जिस इंसान की कुंडली में शुभ स्थान पर होते हैं, उन्हें शुभ फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में काफी सफलताएं हासिल करते हैं. ऐसे लोगों को राजयोग प्राप्त होता है.
साढ़ेसाती
शनि देव की साढ़ेसाती हमेशा अशुभ नहीं होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती के ढाई-ढाई साल के तीन चरण होते हैं. इनमें से पहले 2 चरण काफी परेशान करने वाले होते हैं. हालांकि, आखिरी चरण में शनि महाराज मेहनत का फल देते हैं.
खरीदारी
शनि देव के प्रकोप से बचना है तो शनिवार के दिन तेल, लोहे का सामान, जूते-चप्पल न खरीदें. शनिवार के दिन इन चीजों की खरीदारी करने से नकारात्मकता बढ़ती है और इंसान को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)