ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव का भैंस पर सवार होना व्यक्ति के लिए मिला-जुला परिणाम प्रदान करता है. भले ही भैंस ताकतवर होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे लोग डरे-डरे रहते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गधे को मेहनत का सूचक माना गया है. लेकिन फिर भी गधे को कभी भी प्रोत्साहन नहीं मिलता. अगर किसी व्यक्ति की राशि में शनि का वाहन गधा होता है, तो उसे लक्ष्य की प्राप्ति और सफलता के लिए खूब मेहनत की जरूरत होती है. गधे को अशुभ वाहन माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि का गिद्ध या कुत्ते पर सवार होना शुभ नहीं माना गया है. इससे व्यक्ति को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. वहीं, शारीरिक कठिनाइयों को भी झेलना पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में शनि घोड़े पर सवार हैं, तो इसे शुभ फलदायी माना जाता है. घोड़ा स्फूर्ति, साहस और विजय का प्रतीक होता है. ऐसे में इसे शुभ माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव सिर्फ कौए पर ही सवार नहीं होते. बल्कि सिंह भी शनि देव का वाहन माना गया है. कहते हैं कि सिंह को साहस, पराक्रम और समझदारी का सूचक माना गया है. ऐसे में शनि के सिंह पर सवार होने पर इसे शुभ माना गया है. कहते हैं कि ये शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति का सूचक है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव का सियार पर सवार होना अशुभ माना गया है. अगर किसी जातक की कुंडली में शनि सियार पर सवार हैं, तो इसका मतलब दूसरों पर आश्रित होना है.
शनि देव का कौए पर सवार होना भी अशुभ संकेत माना जाता है. कहते हैं की ये कलह-क्लेश का कारण बनता है. इससे घर-गृहस्थी की शांति भंग हो जाती है और व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
हाथी को पराक्रमी और सूझबूझ का प्रतीक माना गया है. लेकिन वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव का हाथी पर सवार होना अशुभ माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को स्वभाव में विनम्रता लाने और शांत रहने की आवश्यकता होती है.
शनि का हंस पर सवार होना शुभ माना गया है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति कुंडली में शनि हंस पर सवार हैं, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति के जीवन में शुभता और भाग्य में बढ़ोतरी होने वाली है.
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