हनुमान जी का प्रिय रंग लाल है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार और शनिवार के दिन उनकी पूजा के समय उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित किए जाएं, तो वे भक्तों के संकट दूर कर देते हैं. उन्हें लाल गुलाब या गुड़हल का फूल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से आने वाले संकटों का नाश होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को कुमुद, करवरी, चणक,मालती, पलाश और वनमाला के फूल बेहद प्रिय है. इनमे से कोई एक भी फूल अगर श्री कृष्ण को नियमित रूप से अर्पित कर दिया जाए, तो वे भक्तों का बेड़ा पार करते हैं.
कलयुग में सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो भक्तों को नियमित रूप से साक्षात दर्शन देते हैं. ऐसे में उनकी पूजा करते समय कुटज, कनेर, कमल, चंपा, पलाश आदि फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य देव को नियमित अर्घ्य देते समय भी उसमें लाल रंग के फूलों को शामिल करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं.
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए वैसे तो एक लोटा जल ही काफी है. लेकिन फिर भी उन्हें जल्द प्रसन्न करने के लिए धतूरे, नागकेसर, हारसिंगार और सफेद रंग के पुष्प आदि अर्पित किए जा सकते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही वैवाहिक जीवन की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
हिंदू धर्म में मां दुर्गा के भी लाखों भक्त हैं. मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-पाठ तो करते ही हैं. साथ ही, उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं. ऐसे में मां दुर्गा को नियमित पूजा के दौरान लाल रंग के फूल और गुड़हल के फूल आदि अर्पित करें. साथ ही, इन्हें अपराजिता के फूल, चंपा, सफेद कमल और कुंद के फूल भी अर्पित कर सकते हैं.
शास्त्रों में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु को पूजा के समय जूही, अशोक, चंपा, केतकी, वैजयंत के फूल जरूर अर्पित करने चाहिए. इससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए उन्हें उनके प्रिय फूल अर्पित किए जाते हैं. भगवान गणेश को लाल रंग के गुड़हल के फूल अति प्रिय हैं. ऐसे में उन्हें पूजा के समय गुड़हल के फूल, चांदनी, चमेली, परिजात या फिर लाल रंग के फूल अर्पित कर दिए जाएं, तो वे प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़