शास्त्रों के अनुसार घर में जहां पर धन रखा जाता है या फिर तिजोरी वाली जगह को भी पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास होता है. और अगर कोई व्यक्ति तिजोरी के पास जूते-चप्पलों के साथ जाता है, तो इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और व्यक्ति को कंगाली का सामना करना पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नदी के पास जाते समय जूते-चप्पलों को दूर उतार देना चाहिए. वहीं, ऐसी भी मान्यता है कि चमड़े से बनी चीजों को भी नदी में नहीं ले जाना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो इससे घर की सुख-शांति खत्म हो जाती है.
घर में भंडार घर यानी जहां पर अन्न भंडार किया जाता है, वहां भी जूते-चप्पल पहन कर जाने की मनाही होती है. अगर कोई ऐसा करता है, तो उसे धन की कमी का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, और कई तरह की समस्याएं भी व्यक्ति को घेर लेती हैं.
धार्मिक शास्त्रों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर में जूते-चप्पल पहन कर जाना अशुभ माना गया है. मान्यता है कि मंदिर में जूते-चप्पल पहन कर जाने से देवी-देवता रुष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति का सौभाग्य साथ छोड़ देता है. मान्यता है कि जो लोग जूते-चप्पल पहनकर मंदिर में जाते हैं, उनके घर की बरकत चली जाती है. और घर में दुर्भाग्य का प्रवेश होने लगता है.
हिंदू शास्त्रों में रसोई को अन्नपूर्णा ग्रह माना जाता है. कहते हैं कि यहां मां अन्नपूर्णा वास करती हैं. ऐसे में रसोई घर में जूते-चप्पल पहन कर जाने से अन्न की देवी नाराज हो जाती हैं. रसोई घर को मंदिर के सामान पूजनीय माना जाता है. इसलिए भूल से भी रसोई घर में जूते-चप्पलों के साथ प्रवेश न करें.
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