Kinnar Rituals: मौत पर मातम नहीं मनाई जाती है खुशी, रात के अंधेरे में निकलती है किन्नरों की शव यात्रा
Advertisement
trendingNow11727014

Kinnar Rituals: मौत पर मातम नहीं मनाई जाती है खुशी, रात के अंधेरे में निकलती है किन्नरों की शव यात्रा

Kinnar Community Rituals: हिंदू समाज और किन्नर समाज में कई ऐसे रिति-रिवाज हैं,  जो बिल्कुल अलग हैं. किन्नर समाज में कई ऐसे रिवाज हैं, जिनके बारे में आम इंसान भी जानना चाहता है. अक्सर लोगों ने सुना होगा कि किन्नर समाज में शव यात्रा रात के अंधेरे में निकाली जाती है. इतना ही नहीं, इस समय मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है. जानें किन्नर समुदाय से जुड़ी और बातों के बारे में.

 

फाइल फोटो

Kinnar Death Rituals: किन्नर समाज में आज भी ऐसे बहुत से रिति-रिवाज हैं, जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं. किन्नरों की दुआ-बद्दुआ हिंदू समाज में बहुत मायने रखती है. आज भी लोग उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं और इसके लिए किन्नरों से जुड़े कुछ उपाय भी करते हैं. दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि किन्नर द्वारा दिया गया आशीर्वाद और शाप दोनों ही सच साबित हो जाते हैं. ऐसे में हर व्यक्ति की कामना रहती है कि उसे किन्नरों का आशीर्वाद प्राप्त हो.

वहीं, किन्नरों को लेकर समाज के लोगों में कई सवाल आज भी खड़े हैं, जिनमें से एक है किन्नरों की शव यात्रा. कहते हैं कि किन्नरों की शव यात्रा रात के अंधेरे में निकाली जाती है. इस दौरान मातम का माहौल नहीं होता है बल्कि जश्न मनाया जाता है. कहते हैं कि अगर किन्नरों का शव यात्रा को कोई देख ले, तो क्या होता है. आइए जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातों को.

रात में निकलती है किन्नरों की शव यात्रा

बता दें कि जब किसी किन्नर की मृत्यु होती है तो उनकी शव यात्रा रात के अंधेरे में निकाली जाती है. ताकि उन्हें कोई देख न सके. वहीं, हिंदू समाज में रात के समय शव यात्रा निकालना शुभ नहीं माना गया है. इसे लेकर मान्यता है कि गैर किन्नर को इनकी शव यात्रा को नहीं देखना चाहिए. अगर कोई ऐसा कर लेता है, उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है. ऐसे में किन्नर समाज नहीं चाहता कि कोई दूसरा व्यक्ति किन्नर न बने. सिर्फ इसी कारण वे रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से शव यात्रा निकालते हैं. बता दें कि किन्नर समाज शव को जलाते नहीं बल्कि दफनाते हैं.

मौत पर मनाया जाता है जश्न

आमतौर पर किसी भी व्यक्ति की मौत पर मातम मनाया जाता है. लेकिन किन्नर समाज में मौत होने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है. कहते हैं कि किन्नर बनकर जीवन बिताना किसी नरक से कम नहीं होता. ऐसे में मृत्यु होने पर किन्नर को नरक से मुक्ति मिल जाती है और इसी वजह से जश्न मनाया जाता है. इसके अलावा, किन्नरों की मौत पर दान पुण्य की भी परंपरा है.

जानें किन्नरों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

- कहते हैं कि घर में कोई भी शुभ काम होने जैसे शादी, मुंडन, तीज-त्योहार, बच्चे का जन्म  आदि शुभ मौकों पर किन्नरों को बुलाया जाता है. साथ ही, उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि किन्नर द्वारा दी गई शुभकामनाएं सीधा ईश्वर तक ही जाती हैं.

-किसी भी नए किन्नर को शामिल करने से पहले खूब नाच-गाना और भोज होता है. वहीं, ऐसा भी कहते हैं कि किसी नए व्यक्ति को किन्नर समाज में शामिल करने से पहले कई तरह के रीती-रिवाज आदि का पालन किया जाता है.

- ऐसा भी कहा जाता है कि किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते हैं. बता दें कि ये विवाह बस एक दिन के लिए ही होता है.

Mangal Dosh: कुंडली में मंगल दोष होने पर समस्याओं से घिर जाता है इंसान, बचने के लिए करें ये काम
 

Shubh Rajyog: सालों से खराब चल रहा नसीब खोलेंगे एक साथ बनने वाले 3 बड़े राजयोग, छप्परफाड़ होगी धन वर्षा
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news