Janmashtami Vrat Rules: जन्माष्टमी पर पहली बार रख रहे हैं उपवास? इन बातों को जानना है जरूरी, प्रसन्न होंगे बांके बिहारी!
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Janmashtami Vrat Rules: जन्माष्टमी पर पहली बार रख रहे हैं उपवास? इन बातों को जानना है जरूरी, प्रसन्न होंगे बांके बिहारी!

Janmashtami Vrat Niyam: जन्माष्टमी का व्रत कठिन व्रतों में से एक है. अगर आप इस बार जन्माष्टमी का व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकि आपको व्रत का पूरा फल मिल सके. 

 

फाइल फोटो

Krishna Janmashtami Vrat On 19 August: हिंदू धर्म में हर त्योहार का विशेष महत्व है. भाद्रपद माह में पड़ने वाली जन्माष्टमी को लेकर भी लोगों में अच्छा खासा उत्साह देखा जा सकता है. देशभर में ये त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस दिन रात के 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. उनको स्नान करवाया जाता है. ऋंगार कर पूजा की जाती है. आरती करते हैं और उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. ताकि लड्डू गोपाल की कृपा पाई जा सके. 

इस दिन देशभर में लाखों भक्त श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उपवास रखते हैं. विधिविधान से पूजा करते हैं ताकि कान्हा को प्रसन्न किया जा सके. भक्तों की सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर बांके बिहारी भी उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उनके सभी दुख हर लेते हैं. अगर आप भी इस बार पहली बार जन्माष्टमी का व्रत रखने जा रहे हैं, तो इन जरूरी नियमों पर एक नजर अवश्य डाल लें. नियमानुसार व्रत रखने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

- जन्माष्टमी के व्रत से पहले सप्तमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए. कहते हैं कि जन्माष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि से ही शुरू हो जाता है. 

- सुबह व्रत रखने से पहले स्नान आदि कर हाथ में तुलसी का पत्ता लें और व्रत का संकल्प लें. 

- व्रत संकल्प लेने के बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें. लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं. साफ-सुंदर वस्त्र पहनाएं. उन्हें नया मुकुट, माला, बांसुरी, करधनी आदि चीजों से ऋंगार करें. 

- इस दिन पूजा के बाद कान्हा को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. अगर आप चाहें तो इस दिन सुबह लड्डू गोपाल को फलों का भोग लगाएं और दिन में आप इन्हें खा भी सकते हैं. 

- जन्माष्टमी के व्रत का पारण रात को 12 बजे श्री कृष्ण के जन्म के बाद ही समाप्त किया जाता है. ऐसे में आप दिन में फलाहार कर सकते हैं. ध्यान रखें इस दिन सूर्यास्त के बाद जल ग्रहण नहीं किया जाता.

- जितना संभव हो इस दिन भगवान श्री कृष्ण के नाम जपते रहें. भजन-कीर्तन करते रहें. 

- जन्माष्टमी के दिन जरूरतमंदों को दान करें. संभव हो तो इस दिन गायों को चारा खिलाएं, उनकी सेवा करें. क्योंकि बाल गोपाल को गाय बेहद प्रिय थी. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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