इन फूलों से सजेगी राम की नगरी... 800 किमी दूर की इस नर्सरी को मिला ऑर्डर, जानें क्या है खासियत?
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इन फूलों से सजेगी राम की नगरी... 800 किमी दूर की इस नर्सरी को मिला ऑर्डर, जानें क्या है खासियत?

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोरों से तैयारियां चल रही है. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सभी जोरों से तैयारियों में जुटे हुए हैं. क्या आपको पता है कि अयोध्या के रामपथ और धर्मपथ पर फूलों की सजावट कहां और किसे मिली है.

इन फूलों से सजेगी राम की नगरी... 800 किमी दूर की इस नर्सरी को मिला ऑर्डर, जानें क्या है खासियत?

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोरों से तैयारियां चल रही है. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सभी जोरों से तैयारियों में जुटे हुए हैं. क्या आपको पता है कि अयोध्या के रामपथ और धर्मपथ पर फूलों की सजावट कहां और किसे मिली है. वैसे तो देश में कई लोग फूलों की खेती करते हैं. लेकिन रामपथ को सजाने की जिम्मेदारी भोपाल की एक नर्सरी को मिली है. 

राम भक्त रामपथ-धर्मपथ से चलते हुए रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे. वहीं, सड़क के बीच में लगे डिवाइडर पर भोपाल के फूलों से सजावट की जाएगी. भोपाल की निसर्ग नर्सरी को अयोध्या से 50 हजार पौधों का आर्डर मिला है.

किस तरह के फूलों का मिला ऑर्डर?

आपको बता दें इसमें करीब 35,000 पौधे बोगनवेलिया है और 15,000 पौधे न्य किस्म के पौधों का आर्डर मिला है. नर्सरी के मालिक रामकुमार राठौर ने इस बारे में जानकारी दी है. 

5 अलग-अलग रंग में है ये फूल

नर्सरी के मालिक रामकुमार राठौर से मिली जानकारी के मुताबिक, बोगनवेलिया के फूल 5 अलग-अलग रंग के होते हैं. इसमें अब तक 35,000 पौधों को अयोध्या भेजा जा चुका है. अयोध्या के रामपथ और धर्मपथ पर सजावट के काम को उनके भाई रामप्रकाश राठौर देख रहे हैं. 

क्यों चुना बोगनवेलिया के फूल को?

रामकुमार राठौर के मुताबिक बोगनवेलिया के फूलों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. इसके अलावा यह पौधा तेज गर्मी को भी झेल सकता है. इसके अलावा गर्मी में भी यह फूल फलता-फूलता रहता है. 

मेंटेनेंस राशि का नहीं लेंगे चार्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके भाई बड़ी-बड़ी संस्थाओं में हॉर्टिकल्चर का ठेका लेते रहते हैं और उस पर काम करते हैं. इसके अलावा वह फूलों के रखरखाव का भी चार्ज लेते हैं. वहीं, राम मंदिर में फूलों की सजावट के लिए उन्होंने मेंटेनेंस के रूप में एक भी रुपया नहीं लिया है. 

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