सरकारी नौकरी नहीं मिली तो खरीद लिए गधे, 5000 रु/लीटर दूध बेचकर हर महीने कर रहा लाखों की कमाई
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सरकारी नौकरी नहीं मिली तो खरीद लिए गधे, 5000 रु/लीटर दूध बेचकर हर महीने कर रहा लाखों की कमाई

गुजरात के लोगों कारोबार, बिजनेस में अव्वल है, ये बात किसी से छिपी नहीं है. वो मिट्टी बेचकर पैसा कमाने का गुर जानते हैं. पाटण जिले के रहने वाले धीरेन सोलंकी को जब मन मुताबिक नौकरी नहीं मिली तो उसने अपना धंधा शुरू करने का फैसला किया.

donkey farming

Donkey Milk Business: गुजरात के लोगों कारोबार, बिजनेस में अव्वल है, ये बात किसी से छिपी नहीं है. वो मिट्टी बेचकर पैसा कमाने का गुर जानते हैं. पाटण जिले के रहने वाले धीरेन सोलंकी को जब मन मुताबिक नौकरी नहीं मिली तो उसने अपना धंधा शुरू करने का फैसला किया. गाय-भैस का दूध यहां 60 से 65 रुपये लीटर बिकता है, धीरेन ने दूध का ही अनूठा बिजनेस चुना. 5000 से 7000 रुपये लीटर बिकने वाले डंकी मिल्क ( गधी का दूध) बेचने का काम शुरू किया. इस दूध से उसने 2.5 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया है.  

मनचाही नौकरी नहीं मिली तो खरीद लिए गधे  

धीरेन पढ़ाई पूरी कर नौकरी करना चाहते थे. कई जगह इंटरव्यू भी दिए, लेकिन मनचाही नौकरी नहीं मिली. जहां मिली, वहां सैलरी इतनी नहीं थी कि वो अपना पूरा खर्चा निकाल सके. ऐसे में धीरेन ने कुछ लोन और कुछ सेविंग के पैसों से गधे खरीद लिए. दरअसल उन्होंने गधी के दूध के बिजनेस के बारे में काफी कुछ सुना था. दक्षिण भारत में डंकी फॉर्म का खूब चलन भी है. उन्होंने वहां से डंकी फॉर्मिंग के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की और अपने गांव आकर 20 गधे खरीद लिए.  

5000 से 7000 रुपये लीटर डंकी मिल्क 

धीरेन ने शुरुआत में 20 गधे खरीदे. 22 लाख की लागत से उसने फॉर्म हाउस बनाया और करीब 43 मादा गधे को पालना शुरू किया. शुरुआत चार-पांच महीने  में कुछ खास नहीं दिखा, लेकिन धीरेन ने हार नहीं मानी और काम करते रहे. डंकी मिल्क गाय-भैंस के दूध के मुकाबले 70 गुना महंगा होगा होता. जहां गाय-भैंस का दूध 60 से 65 रुपये लीटर मिल जाता है वहीं गधी का गधी का दूध 5000 रुपये लीटर बिकता है. डंकी मिल्क की बदौलत वो अब हर महीने 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. 

गधी के दूध की डिमांड  

धीरेन ने देखा कि गुजरात के बजाए दक्षिण भारत में गधी के दूध की ज्यादा डिमांड है. उसने बिना देर किए अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया. उसे कर्नाटक और केरल से खूब ऑर्डर आने लगे. पर्सनल इस्तेमाल के अलावा कॉस्मेटिक कंपनियां गधी के दूध की ग्राहक है.  दूध के अलावा वो डंकी के मिल्क को सुखाकर उसका पाउंडर भी सेल करते हैं. इस पाउडर की भी बड़ी डिमांड है. एक किलोग्राम पाउडर मिल्क की कीमत एक लाख रुपये तक चली जाती है.  

कहां होता है इस्तेमाल 

गधी के दूध में प्रोटीन और फैट कम होता है, लेकिन लैक्टॉज ज्यादा होता है. ये दूध आम दूध के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है. इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स और फार्मास्युटिकल्स प्रोडक्ट्स बनाने में किया जाता है. यही वजह है कि इसकी डिमांग और कीमत दोनों बहुत अधिक है.  

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