यह संघर्ष सूडान के ब्लू नाइल प्रांत में हौसा जनजाति और बर्टा लोगों के बीच हुआ है. अफसरों के मुताबिक, मरने वालों की तादाद और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि चिकित्सा दल संघर्ष के केंद्र तक अभी भी नहीं पहुंच पाए हैं.
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काहिराः सूडान के दक्षिण में आदिवासियों के बीच दो दिनों के संघर्ष में कम से कम 220 लोग मारे गए हैं. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने इतवार को बताया कि यह हाल के वर्षों में सबसे खतरनाक आदिवासी संघर्षों में से एक है. इस अशांति ने नागरिक संघर्ष और सियासी अराजकता में फंसे एक अफ्रीकी मुल्क के संकट को और बढ़ा दिया है. यह संघर्ष सूडान के ब्लू नाइल प्रांत में हौसा जनजाति और बर्टा लोगों के बीच हुआ है.
ब्लू नाइल के स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक फत अर्रहमान बखेत के मुताबिक, इथियोपिया की सीमा पर वाड अल-माही शहर में बुधवार और गुरुवार को तनाव बढ़ गया था. शनिवार की रात तक कम से कम 220 लोगों की मौत हो चुकी थी. यह तादाद और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि चिकित्सा दल संघर्ष के केंद्र तक अभी भी नहीं पहुंच पाए हैं.
महिलाओं और बच्चों को पैदल भागते हुए देखा गया
बखेत ने कहा कि पहला मानवीय और चिकित्सा काफिला शनिवार की देर रात वास अल-माही पहुंचने में कामयाब रहा, जिसने हालात का आकलन करने की कोशिश की है. घटनास्थल से कुछ मीडिया फुटेज सामने आए हैं, जिसमें जले हुए घर और लोगों के जले हुए शरीर दिखाई दे रहे हैं. इसमें महिलाओं और बच्चों को पैदल भागते हुए दिखाया गया है. लड़ाई में कई घर जल गए, जिसने लगभग 7,000 लोगों को रूसियारिस शहर में विस्थापित कर दिया है. इस साल देश भर में आदिवासी हिंसा और अन्य हमलों से कुल मिलाकर लगभग 211,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
रात में कर्फ्यू लगाने के आदेश
अधिकारियों ने वाड अल-माही में रात में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया और इलाके में सैनिकों को तैनात कर दिया है. राज्य द्वारा संचालित समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने झड़पों की जांच के लिए एक तथ्य-खोज समिति का भी गठन किया है. दो समूहों के बीच पहली बार जुलाई के मध्य में लड़ाई शुरू हुई थी, जिसमें अक्टूबर के पहले तक कम से कम 149 लोग मारे गए थे. इसने हिंसक विरोध शुरू कर दिया और ब्लू नाइल और अन्य प्रांतों में दो जनजातियों के बीच तनाव पैदा कर दिया है.
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