भीख मांगने को मजबूर हुआ दुनिया का ये Nuclear Power देश; अफसरों के सामने रोने लगे PM !
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भीख मांगने को मजबूर हुआ दुनिया का ये Nuclear Power देश; अफसरों के सामने रोने लगे PM !

Financial Crisis: पाकिस्तान आर्थिक संकट से उबरने के लिए दुनियाभर के देशों से कर्ज और चंदा मांगकर अपनी अर्थव्यवस्था को दीवालिया होने से बचाने की कोशिश में लगा है. इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक बेहद ही निराशाजनक बयान दिया है, जिससे उनकी लाचारी साफ नजर आ रही है. 

शहबाज शरीफ

इस्लामाबादः पाकिस्तान में जारी भीषण आर्थिक मंदी, खाने-पीने की चीजों की कमी, बढ़ती महंगाई और इनसे निपटने के लिए विदेशी कर्ज के बोझ से दबे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि एक परमाणु शक्ति संपन्न देश के लिए यह बेहद शर्म की बात है कि वह अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए दुनिया के देशों से भीख मांग रहा है. 
शनिवार को पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग-आउट परेड को खिताब करते हुए, शहबाज शरीफ ने कहा था कि उन्हें दूसरे मुल्कों से कर्ज मांगने में अब शर्मिंदगी हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी कर्ज पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने का सही तरीका नहीं है, क्योंकि कर्ज वापस भी करना होता है. इससे पहले भी पाकिस्तान के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी और मंत्री इस तरह के बयान दे चुके हैं कि यूएई के सामने कर्ज और आर्थिक मदद के लिए मुंह खोलने पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है.

विदेशी कर्जों से दब गया है पाकिस्तान 
उल्लेखनीय है कि आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान इन दिनों विदेशों से मिले कर्ज के सहारे अपनी बीमार अर्थव्यवस्था को खींच रहा है. उसे हाल ही में अमेरिका, यूएई और सउदी अरब जैसे देशों से लाखों मिलियन डॉलर का कर्ज मिला है. इससे पहले भी पाकिस्तान के कई प्रांतों में आए भीषण बाढ़ की तबाही से उबरने के लिए पाकिस्तान ने चंदे और कर्ज के तौर पर कई बिलियन डॉलर विदेशों से पैसे ले चुका है. हालांकि, पहले से विदेशी कर्ज के तले पाकिस्तान में और कर्ज लेने पर वहां के कई आर्थिक विशेषज्ञों ने पाकिस्तान सरकार को चेताया है कि इससे देश में मुद्रास्फिति जैसा संकट और खतरनाक रूप ले सकता है. 

आटे के लिए मची है लूटमार 
उधर, पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में आटे की किल्लत लगातार जारी है. आटे की कीमत 200 रुपये किलो से भी ज्यादा हो गई है और इस कीमत पर भी आटा मिलना मुश्किल हो रहा है. सरकार दर 65 रुपये किलो पर मिल रहे आटे को हासिल करने के लिए मारकाट मच गई है. आटा लेने के लिए मची भगदड़ में अबतक कई लोगों की जानें जा चुकी हैं और ढे़र सारे लोग इस भगदड़ में घायल हो चुके हैं. भूख से तिलमिला रहे लोग आटे से भरे सरकारी ट्रकों को लूटने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. ब्लूचिस्तान प्रांत की सरकार ने पड़ोसी राज्यों से आटें की खेप मंगवाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन भीषण संकट के बीच सरकार के सारे प्रयास कम पड़ते जा रहे हैं.

Zee Salaam

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