Turkey joins nuclear power club with Akkuyu plant : राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि उनके देश को इसके लिए 60 सालों का इंतजार करना पड़ा, लेकिन आखिरकार देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है. इसके लिए उन्होंने रूस का शुक्रिया अदा किया है.
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अंकाराः तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा है कि तुर्की अक्कुयू बिजली संयंत्र की पहली बिजली इकाई में परमाणु ईंधन वितरण के साथ ही परमाणु ऊर्जा संपन्न वाले देशों के क्लब में शामिल हो गया है.
एर्दोगन ने कहा, "हमारे संयंत्र को समुद्र और हवा से परमाणु ईंधन की डिलीवरी के साथ, अक्कुयू ने अब परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दर्जा हासिल कर लिया है. इसलिए, हमारा मुल्क परमाणु ऊर्जा वाले देशों की लीग में पहुंच गया है, भले ही इसके लिए 60 सालों तक देश को इंतजार करना पड़ा." राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से एक समारोह को खिताब करते हुए ये बात कही. इसमें उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन भी ऑनलाइन शामिल हुए थे.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, "अक्कुयू परमाणु ऊर्जा संयंत्र, तुर्की का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जो दक्षिणी भूमध्यसागरीय तट पर मेर्सिन प्रांत में रूस की राज्य परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम द्वारा बनाया गया है." एर्दोगन ने रेखांकित किया है कि बिजली संयंत्र तुर्की और रूस के बीच 'सबसे बड़ा संयुक्त निवेश' है, और इस बात की प्रतिबद्धता जाहिर की है कि अंकारा सरकार जल्द से जल्द दूसरा और तीसरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए कदम उठाएगी.
पुतिन ने दोनों देशों के बीच इस सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी में से एक के रूप में अक्कुयू परमाणु ऊर्जा संयंत्र का इस्तकबाल किया है. पुतिन ने कहा, "यह एक प्रमुख प्रोजेक्ट है, और यह पारस्परिक आर्थिक सहयोग देगी और निश्चित रूप से यह हमारे दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने में मदद करेगी." रूसी नेता ने कहा, "एर्दोगन व्यक्तिगत रूप से रूसी-तुर्की संबंधों के विस्तार पर बहुत ध्यान देते हैं."
पुतिन ने कहा, "अक्कुयू पावर प्लांट की बदौलत तुर्की में एक नया परमाणु उद्योग स्थापित किया जा रहा है."
गौरतलब है कि साल 2010 में, दोनों देशों ने रूस की सरकारी कंपनी रोसाटॉम को अक्कुयु संयंत्र का निर्माण और संचालन करने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किया था, जिसमें चार परमाणु रिएक्टर इकाइयों का निर्माण शामिल था. प्रत्येक में 1,200 मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है. इस करार के तहत अक्कुयू संयंत्र का निर्माण 20 अरब डॉलर की रूसी पूंजी के साथ किया गया है. निर्माण 2018 में शुरू हुआ और 2026 में पूरा होने वाला है.
एक बार पूरी तरह चालू होने के बाद, संयंत्र से घरेलू बिजली की लगभग 10 प्रतिशत जरूरतों को पूरा करने के लिए सालाना 35 बिलियन किलो वाट बिजली का उत्पादन करने की उम्मीद है.
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