Difference Between Deodorant and Perfume: अक्सर लोग डियोडरेंट और परफ्यूम में कंफ्यूज होते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि वह किस मौके पर कौन से प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. इस खबर में आपको हम बता रहे हैं कि डियोडरेंड और परफ्यूम में क्या अंतर है और कौन से मौके पर कौन सी चीज लगाना ज्यादा सही रहेगा.
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Difference Between Deodorant and Perfume: कुछ लोग शौक के तौर पर तो कुछ लोग शरीर से बदबू मिटाने के लिए परफ्यूम या डियोडरेंट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कई लोगों को यह नहीं पता है कि परफ्यूम और डियोडरेंट में क्या अंतर है. आपको बता दें कि परफ्यूम और डियोडरेंट में बुनियादी अंतर यह है कि फरफ्यूम में 25 फीसद तक परफ्यूम एसेंस होता है जबकि डियोडरेंट में 1-2 फीसद तक परफ्यूम एसेंस होता है. यही वजह है कि डियोडेरेंट की तुलना में परफ्यूम ज्यादा खुशबूदार और हार्ड होता है.
ज्यादा देर तक टिकता है परफ्यूम
डियोडरेंट के मुकाबले परफ्यूम ज्यादा देर तक टिकता है. अमूमन परफ्यूम की खुशबू 4 घंटे तक टिकती है तो वहीं परफ्यूम की खुशबू 12 घंटे तक टिक जाती है.
बदबू मिटाता है डियोडरेंट
अक्सर लोग अपने पसीने की बदबू मिटाने के लिए परफ्यूम या डियोडरेंट का इस्तेमाल करते हैं. परफ्यूम आपके जिस्म में खुशबू पैदा कर देता है, लेकिन यह पसीने की बदबू नहीं मिटा पाता. इसके उलट डियोडरेंट पसीने की बदबू मिटाने में बहुत हद तक कामयाब होता है. दरअसल डियोडरेंट में एंटी-पर्सपरेंट नाम का एक पदार्थ होता है. यह पसीने को सोखकर स्किन को चिपचिपा होने से बचाता है. इससे आपके पसीने की बदबू नहीं आती है.
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डियोडरेंट को सीधे स्किन पर लगा सकते हैं
अक्सर लोग परफ्यूम को कपड़ों पर जबकि डियोडरेंट को सीधे स्किन पर अप्लाई करते हैं. इसकी वजह यह है कि परफ्यूम में अधिक कॉनसंट्रेट होता है. इसे स्किन पर लगाने से नुक्सान हो सकता है. इसलिए इसे बालों या कपड़ों पर लगाया जाता है. जबकि डियोडरेंट में कॉन्संट्रेशन कम होता है इसलिए इसे स्किन पर सीधे इस्तेमाल करने से नुक्सान नहीं होता है.
महंगे होते हैं परफ्यूम
परफ्यूम और डियोडरेंट के दामों में भी काफी अंतर होता है. डियोडरेंट आपको कम कीमत में मिल जाता है लेकिन अच्छी कंपनी के परफ्यूम आज भी बहुत महंगे मिलते हैं.