Iran Hijab Protest: ईरान में हिजाब के विरोध को लेकर प्रदर्शन और उग्र होते जा रहे हैं, सोमवार को कई नए इलाकों में विरोध-प्रदर्शन की आग पहुंच गई है. सरकार ने कुर्द इलाकों के स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है और प्रदर्शनकारी छात्रों को भी गिरफ्तार कर लिया है.
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दुबईः ईरान में पिछले दिनों सिर पर हिजाब न रखने के मामले में 22 वर्षीय एक महिला महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत की घटना के बाद ईरान सुलग रहा है. वहां लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को एक पश्चिमी शहर की सड़कों पर गोलियों और विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गई. साथ ही, पास के एक गांव में एक शख्स कथित तौर पर सुरक्षा बलों की गोली से मारा गया.
सोमवार को कई इलाकों में हुआ विरोध-प्रदर्शन
ईरान में सरकार द्वारा इंटरनेट पर प्रतिबंध के बावजूद तेहरान और अन्य जगहों से विरोध-प्रदर्शन के ऑनलाइन वीडियो सामने आए हैं. इन वीडियोज में महिलाओं को बिना हिजाब के सड़कों पर मार्च करते हुए देखा जा सकता है. बीते चार सप्ताह से सरकार के खिलाफ यह विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है. ‘हेंगॉ ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स’ नामक एक कुर्द समूह के मुताबिक, सोमवार को तड़के ईरान के कुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी सानंदज के साथ-साथ इराक की सीमा के पास सालास बाबाजानी गांव में भी हिंसा की कईं घटनाएं हुईं हैं.
सुरक्षा बलों ने स्कूल में बच्चों को गिरफ्तार किया
इतवार को बिना लाइसेंस प्लेट के वैन में पहुंचे ईरानी स्कूली बच्चों को सुरक्षा बलों ने स्कूल परिसर के अंदर गिरफ्तार कर लिया था. द गार्जियन ने बताया कि अफसरों ने इतवार को ईरानी कुर्दिस्तान में सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को भी बंद कर दिया है. विरोध-प्रदर्शनों में हाईस्कूल की सैकड़ों लड़कियों और विश्वविद्यालय के छात्रों ने आंसूगैस, क्लबों और कई मामलों में, सुरक्षा बलों द्वारा गोला बारूद का सामना किया. हालांकि, द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान ने इस बात से इनकार किया है कि जिंदा गोलियों का इस्तेमाल किया गया है.
कुर्द थीं महसा अमिनी
गौरतलब है कि नैतिकता पुलिस (मॉरिलिटी पुलिस) ने हिजाब सही तरीके से नहीं पहनने के इल्जाम में सितंबर में महसा अमिनी को हिरासत में लिया था. वह थाने में बेहोश हो गईं और इसके तीन दिन बाद उनकी अस्पताल में मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से ईरान के कईं शहरों, कस्बों और गांवों में विरोध-प्रदर्शन जारी है. पुलिस का कहना है कि महसा अमिनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है और उनके साथ किसी तरह की बदसलूकी नहीं की गई थी. महसा अमिनी कुर्द थीं और ईरान के कुर्द इलाकों में उनकी मौत को लेकर खासा आक्रोश भड़क गया है. यहां 17 सितंबर को अमिनी को सुपुर्द-ए-ख़ाक़ किए जाते वक्त विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैलते गया है और दुनियाभर की उदारवादी महिलाएं ईरानी महिलाओं के समर्थन में आ गई हैं.
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