जदयू ने अपने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कमिटी में नए पदाधिकारियों का ऐलान किया है, जिसे देखकर आसानी से इस बात के कयास लगाए जा सकते हैं कि पार्टी ने आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर अभी से सामाजिक समीकरण बैठाने में जुट गई है.
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पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार का हिस्सा जनता दल यूनाइटेड ने मंगलवार को राष्ट्रीय कमिटी की घोषणा के बाद प्रदेश कमिटी के पदाधिकारियों का भी ऐलान कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय कमिटी और प्रदेश कमिटी में जगह पाए नेताओं के नामों, उनके रिहाईशी इलाकों और समाज को देखे तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जदयू आगामी चुनावों की तैयारियों के लिए अभी से कमर कस चुकी है. इसके साथ ही विरोधियों की उस उम्मीद पर पानी फिर गया है कि जदयू बिहार में गिने-चुने दिन गिन रही है. वहीं, जानकार सूत्रों की माने तो जदयू की इस रणनीति का सबसे ज्यादा असर उसके सहयोगी राजद पर ही पड़ सकता है. अगर मुस्लिम वोटर्स की बात करें तो राजद मुसलमानों का थौक भाव में वोट जरूर लेता है, लेकिन पार्टी के अंदर उसे कोई पद या टिकट देने में दूरी बना लेते हैं. यानी सीधे तौर पर कहें तो वह अब्दुल को सिर्फ दरी बिछाने के काम में लेता है. जबकि जदयू को राजद की तुलना में बहुत कम मुस्लिम वोट मिलने के बाद भी पार्टी न सिर्फ मुस्लिम नेताओं को पार्टी के अंदर पद देती है बल्कि चुनाव के वक्त टिकट बंटवारे में भी मुस्लिम प्रतिनिधित्व का राजद से ज्यादा ख्याल रखती है.
किस वर्ग से कितने नेताओं को मिला पद
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने प्रदेश कमिटी में 251 पदाधिकारियों के नामों का ऐलान किया है, जिसमें 20 उपाध्यक्ष, 105 महासचिव, 114 सचिव, 11 प्रदेश प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष शामिल हैं. कुशवाहा ने अपनी टीम में सभी जातियों के अलावा मुसलमानों को भी साधने की पूरी कोशिश की है. इसके अलावा इसमें क्षेत्रीय संतुलन भी बनाने की कोशिश की गई है. नई कमिटी में अनुसूचित जाति के 34, अति पिछड़े वर्ग के 52 और पिछड़ा वर्ग के 86 लोगों को जगह दी गई है. इसके अलावा मुस्लिम वर्ग से आने वाले 21 नेताओं को कमिटी में जगह दी गई है. इसके अलावा 49 सवर्णों को भी कमिटी में स्थान दिया गया है.
खास बात यह है कि भाजपा के वोट बैंक माने जाने वाले बनिया समाज से आने वाले नौ नेताओं को भी पार्टी के कमिटी में रखा गया है.
अनुभवी और युवा नेताओं की टीम
कुशवाहा ने कहा, "पार्टी के लिए समर्पित और काम करने वाले नेताओं के साथ युवाओं को कमिटी में तरजीह दी गई है. कुल मिलाकर कमिटी में अनुभवी और युवाओं की मजबूत टीम बनाई गई है. इस कमिटी में वह क्षमता है जो पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों को और बेहतर में बदल सकती है.’’ कुशवाहा ने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से ही सभी वर्गों की तरक्की की बात करते हैं, यही वजह है कि कमिटी ने सभी वर्गों, समाज, अल्पसंख्यकों की मजबूत भागीदारी है.’’
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