अब एक और टीचर ने दिया नेताओं को लेकर बयान; बोलीं, "बड़ा सवाल वोट किसे दें"
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अब एक और टीचर ने दिया नेताओं को लेकर बयान; बोलीं, "बड़ा सवाल वोट किसे दें"

Karan Sangwan Controversy: Unacademy के करण सांगवान को कंपनी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. उन्होंने अपनी वीडियो में कहा था कि "पढ़े लिखे उम्मीदवारों को वोट करें." अब इसके बाद एक महिला ट्यूटर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

 

अब एक और टीचर ने दिया नेताओं को लेकर बयान; बोलीं, "बड़ा सवाल वोट किसे दें"

Delhi News: पिछले दिनों एक शिक्षक ने क्लास के दौरान पढ़े लिखे नेताओं को वोट देने की टिप्पणी की थी. जिसके बाद उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उन्हें नौकरी से बरखास्त कर दिया गया. इसी बीच एक और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जहां एक महिला ट्यूटर ने समान विचार रखते हुए पढ़े लिखे लोगों को वोट करने की अपील की है.   

वीडियो में बबीता कहती हैं, "दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के नाते भारत में रोजगार के सबसे अधिक अवसर भी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अन्यथा, बेरोजगारी अराजकता और अपराधों का मार्ग प्रशस्त करेगी".

सोशल मीडिया वायरल वीडियो के मुताबिक, ट्यूटर बबीता मैडम आईसीएस कोचिंग सेंटर नाम की एक संस्था चलाती हैं. इस संस्था का एक यूट्यूब चैनल भी है जिसका नाम 'आईसीएस ए टू जेड' है. वायरल वीडीयो में ट्यूटर कहती हुई दिख रही हैं कि "जब आप मतदान करने जा रहे हैं. याद रखें कि आप उन्हें नौकरियों जैसे पहलुओं के साथ पांच साल के लिए जिम्मेदारी सौंपेंगे. यही कारण है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शिक्षित लोग राजनीति में आएं".

वह आगे कहती हैं, "यह बड़ा सवाल है कि किसे वोट दें. सब एक जैसे हैं. पहले हम सोचते थे कि कांग्रेस पार्टी अच्छी है. हमने उन्हें 2004-14 तक देश सौंपा लेकिन जनता नाखुश थी. फिर 2014 से 2024 तक हमारे पास भारतीय जनता पार्टी है. हालांकि, जब चुनाव करीब आएंगे, तो वे सभी वही पुराने मुद्दे उठाएंगे. राम मंदिर, धर्म चुनावी मुद्दे का हिस्सा होंगे और वे एक-दूसरे के भ्रष्टाचार के बारे में बात करेंगे.  लेकिन कोई भी यह कहकर चुनाव नहीं लड़ेगा कि चुनाव जीतने पर स्कूल, कॉलेज, हॅास्पिटल बनवाएंगे'.

करण सांगवान ने क्या कहा?
सांगवान ने आरोप लगाते हुए अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में सांगवान ने कहा, "उन्होंने यह सामान्य टिप्पणी अपने यूट्यूब चैनल पर की थी, न कि Unacademy में पढ़ाने के दौरान और इस टिप्पणी का गलत मतलब निकाला ". आपको बता दें कि सांगवान ने पढ़ाने के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए हालिया विधेयकों पर चर्चा करते हुए कहा था कि शिक्षित उम्मीदवारों को वोट दें. जिसके बाद अनएकेडमी ने ट्रोल्स के दबाव में उनकी सेवा समाप्त कर दी.

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