UP News: मथुरा शाही ईदगाह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई, जानें पूरा मामला
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UP News: मथुरा शाही ईदगाह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई, जानें पूरा मामला

Mathura Shahi Idgah dispute: पिछले साल 1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंधन समिति की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मामलों की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी. 

UP News: मथुरा शाही ईदगाह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई, जानें पूरा मामला

Mathura Shahi Idgah dispute: यूपी के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 जनवरी को सुनवाई करेगा. मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने उसकी याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ न्यायालय में अपील की है. पिछले साल 1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंधन समिति की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मामलों की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि शाही ईदगाह के “धार्मिक चरित्र” को निर्धारित करने की आवश्यकता है.

पिछले साल हुई थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने पिछले साल 9 दिसंबर को इस मामले में अंतिम सुनवाई शुरू की थी और यह मामला 15 जनवरी को पीठ के समक्ष आएगा. वहीं, हिंदू पक्षकारों में से एक ने तर्क दिया कि मस्जिद समिति विवाद पर एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकती थी. इस हिंदू पक्षकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता बरुण सिन्हा ने किया.

हिंदू पक्ष ने दी ये दलील
उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी की याचिका वर्तमान स्थिति में सुप्रीम कोर्ट में विचार योग्य नहीं है. वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के नियमों के हवाले से तर्क दिया, “इलाहाबाद हाईकोर्ट के नियमों के अध्याय 8 के मद्देनजर, उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एक विशेष अपील स्वीकार्य होगी.” 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील “उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ सुनवाई योग्य नहीं है” और अदालत में एक न्यायालय अपील दायर की जानी चाहिए थी. इसलिए वकील ने याचिका को खारिज करने की मांग की. पिछले साल 29 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी.

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