सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्नी सरकार को पहले से ही थी.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट PM मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में जांच के लिए एक पैनल गठित करने पर सहमत हो गया है. यह पैनल SC के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित किया गया है.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्नी सरकार को पहले से ही थी. केंद्र सरकार ने कहा कि यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है. ‘ब्लू बुक’ में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है.
मामले में सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत PM के सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए एक समिति का गठन करेगी. कोर्ट ने साथ ही केंद्र और पंजाब सरकार से अपनी-अपनी जांच आगे नहीं बढ़ाने को कहा है.
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सुनवाई के दौरान, पीठ ने मौखिक रूप से प्रस्ताव दिया कि समिति के दूसरे सदस्य पुलिस महानिदेशक (DGP) चंडीगढ़, महानिरीक्षक (IG) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), रजिस्ट्रार जनरल (पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय), और अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) पंजाब होंगे.
दिल्ली में मौजूद याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने देश के पीएम को सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया. याचिका में पंजाब में प्रधानमंत्री के सुरक्षा उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है.
क्या है पूरा मामला
पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर पहुंचकर 42,750 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की नीव रखने वाले थे. इसके लिए उन्हें सड़क के रास्ते से राष्ट्रीय शहीद स्मारक ले जाया जा रहा था. लेकिन कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए सड़क को ब्लॉक कर लिया, जिसके चलते प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसा रहा. इसके बाद PM मोदी को वापस लौटना पड़ा.
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