Sambhal Masjid Dispute: संभल शाही मस्जिद मामले में आज एडवोकेट कमिश्नर रिपोर्ट पेश करने वाले थे. लेकिन, उन्होंने अब 15 दिनों का वक्त मांगा है. आइये जाचे हैं पूरी डिटेल
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Sambhal Masjid Dispute: संभल में मौजूद शाही जामा मस्जिद मामले में सर्वे रिपोर्ट आज यानी सोमवार को पेश होनी वाली थी. लेकिन, आज यह सामने नहीं आ पाई. दरअसल इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे एडवोकेट कमिश्नर ने इसे पेश नहीं किया है, क्योंकि उनकी हेल्थ सही नहीं है.
एडवोकेट कमिश्नर ने खराब सेहत का हवाला देते हुए इसमें 15 दिनों का वक्त मांगा है. एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने संवाददाताओं को बताया कि सिविल कोर्ट (सीनियर डिवीजन) के जरिए शाम करीब चार बजे विस्तार याचिका पर फैसला लिए जाने की उम्मीद है.
राघव ने संवाददाताओं से कहा, "आज मैंने न्यायालय में एडजक्शन एप्लीकेशन पेश की है. सर्वेक्षण की अंतिम रिपोर्ट तैयार है और आखिरी फेज में है. यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की जाएगी, लेकिन हेल्थ की वजहों से मैंने न्यायालय से 15 दिन का वक्त मांगा है."
उन्होंने कहा,"मुझे तीन-चार दिन से बुखार था. मैं अभी तक रिपोर्ट का विश्लेषण नहीं कर पाया हूं. दूसरा पक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा/ आपत्ति सुनने के बाद कोर्ट शाम करीब 4 बजे अपना फैसला सुनाएगा."19 नवंबर को स्थानीय अदालत ने हिंदू पक्ष की दलील पर गौर करने के बाद एक अधिवक्ता आयुक्त द्वारा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का एकपक्षीय आदेश पारित किया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने 1526 में एक मंदिर को ध्वस्त करके किया था.
24 नवंबर को दूसरे दौर के सर्वे के दौरान, विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों की सुरक्षा कर्मियों से झड़प हो गई, जिसकी वजह से बड़ी हिंसा हुई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इस बीच, मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जफर अली ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की जाएगी.
अली ने कहा, "अगली कार्यवाही उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद शुरू होगी, उससे पहले कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी." वह सुप्रीम कोर्ट के 29 नवंबर के आदेश का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उसने संभल ट्रायल कोर्ट से मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद और उसके सर्वेक्षण से संबंधित मामले की कार्यवाही रोकने को कहा था, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश दिया था.