Sambhal Masjid: ASI के सर्वे रिपोर्ट और हर इल्ज़ाम का जवाब देने को तैयार है मस्जिद कमिटी, वकील का दावा
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2550627

Sambhal Masjid: ASI के सर्वे रिपोर्ट और हर इल्ज़ाम का जवाब देने को तैयार है मस्जिद कमिटी, वकील का दावा

Sambhal Case: संभल मामले में मस्जिद कमेटी के वकीलों का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. पूरी खबर पढ़ें.

Sambhal Masjid: ASI के सर्वे रिपोर्ट और हर इल्ज़ाम का जवाब देने को तैयार है मस्जिद कमिटी, वकील का दावा

Sambhal Case: मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी किया है. यह बयान संभल की शाही मस्जिद में हुए सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर के जरिए समय मांगे जाने पर किया गया है. उन्होंने कहा है कि जैसे ही सर्वे की रिपोर्ट मिलती है वह आपत्ति दाखिल करेंगे.

संभल जामा मस्जिद के वकीलों ने जारी किया बयान

संभल की जामा मस्जिद मामले में कोर्ट कमिश्नर के जरिए सर्वे रिपोर्ट पेश न करने के मामले में जामा मस्जिद के पैनल अधिवक्ता एडवोकेट कासिम जमाल और एडवोकेट और जामा मस्जिद सचिव मसूद फारूकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंनेकहा कि अदालत के आदेश के मुताबिक कोर्ट कमिश्नर को बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करनी है, ऐसे में हमें पत्रावली मिलेगी. जिसके बाद हम आपत्ति दर्ज करेंगे. इसके लिए हमारी पूरी तरह से तैयारी चल रही है.

बता दें, जफर अली एडवोकेट जो की जामा मस्जिद सदर हैं उनकी सदारत में पैनल को बनाया गया है. जामा मस्जिद पैनल की तरफ से एडवोकेट कासिम जमाल ने कहा कि जमा मस्जिद की तरफ से मैं एडवोकेट पैनल में हूं और हम पूरी तरह से तैयार हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि पैनल ने आज तक का वक्त लिया था. आज जो भी वह जवाब दर्ज करेंगे उसके खिलाफ हम आपत्ति दर्ज करेंगे.

एडवोकेट कासिम जमाल ने कहा कि जिस तरह से एएसआई ने हलफनामा जामा किया है और जो आरोप लगाए हैं वह सभी गलत हैं. उन्होंने जो भी एफिडेविट जमा किया है वह समय से पहले ही जमा कर दिए.

एएसआई ने किया सर्वे

बता दें, 24 नवंबर को एएसआई ने सर्वे किया था. इस सर्वे के बाद संभल में हिंसा भड़क गई है. इस हिंसा में 4 लोगों की जान गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था और कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे.

हिंसा के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. जहां से कोर्ट ने इसे इलाहाबाद कोर्ट में ले जाने की सलाह दी थी, और लोकल कोर्ट को कोई भी आदेश पारित करने से मना कर दिया था. इस मामले में कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ दिन का और वक्त मांगा था.

Trending news