Sahir Ludhianvi Hindi Shayari: साहिर की शुरूआती तालीम पंजाब के लुधियाना में मौजूद खा़लसा हाई स्कूल में हुई. साल 1939 में जब वे सरकारी कालेज के विद्यार्थी थे तब अमृता प्रीतम से उनका प्रेम हुआ.
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Sahir Ludhianvi Hindi Shayari: साहिर लुधियानवी (Sahir Ludhianvi) उर्दू जबान के मशहूर शायर और बॉलीवुड के बड़े लिरिसिस्ट थे. उनकी पैदाईश 8 मार्च 1921 को पंजाब के लुधियाना में हुई. साहिर लुधियानवी ने बॉलीवुड के लिए कई गाने लिखे. साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम का प्यार बहुत चर्चा में रहा. लेकिन कहा जाता है कि अमृ्ता की शादी साहिर से इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि साहिर एक तो मुसलमान थे दूसरे वह गरीब भी थे. 59 साल की उम्र में 25 अक्टूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी का इंतेकाल हो गया.
तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो
चाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी
इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ
जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से
पूछेंगे अपना हाल तिरी बेबसी से हम
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
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