RTI का बड़ा ख़ुलासा; टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण 2.7 करोड़ लोग नहीं कर पाए रेल यात्रा
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RTI का बड़ा ख़ुलासा; टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण 2.7 करोड़ लोग नहीं कर पाए रेल यात्रा

Indian Railway: देश में व्यस्त रूटों पर ट्रेनों की उपलब्धता नहीं होने के चलते पिछले वित्त वर्ष में कुल 2.7 करोड़ यात्रियों को टिकट कंफर्म होने के कारण यात्रा करने का मौका नहीं मिला. सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के तहत मांगी गई जानकारी से यह खबर सामने आई है.

 

RTI का बड़ा ख़ुलासा; टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण 2.7 करोड़ लोग नहीं कर पाए रेल यात्रा

Passengers Could Not Travel Last Year: दूर का सफर तय करने के लिए काफी समय पहले ही रेल का टिकट बुक कराया जाता है, ताकि यात्रा आसानी से की जा सके. कई बार टिकट कंफर्म नहीं होने की वजह से यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है. इसी से जुड़ी एक खबर सामने आई है. दरअसल, देश में व्यस्त मार्गों पर ट्रेनों का मुनासिब इंतेजाम नहीं होने की वजह से बीते फाइनेंशियल एयर में कुल 2.7 करोड़ यात्रियों को वेटिंग लिस्ट में टिकट होने की वजह से यात्रा करने का मौका नहीं मिल पाया.

टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण यात्रा से वंचित
सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के तहत मांगी गई जानकारी से यह खबर सामने आई है. इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 2.7 करोड़ लोग प्रतीक्षा श्रेणी के टिकट कंफर्म नहीं हो पाने से यात्रा से वंचित रहे. वित्त फाइनेंशियल एयर  2021-22 में इस तरह के मुसाफिरों की कुल संख्या 1.65 करोड़ थी. मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई एप्लिकेशन में वेटिंग लिस्ट वाली टिकटों के बारे में मालूमात हासिल की थी. इसके जवाब में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि बीते 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में कुल 1.76 करोड़ PNR से जारी टिकट कंफर्म नहीं हो पाने की वजह से अपने-आप कैंसिल हो गए. इस वजह से 2.72 करोड़ लोग रेल यात्रा से महरूम रह गए. हालांकि, PNR के कैंसिल होते ही रेलवे उस टिकट की कीमत यात्री को लौटा देता है लेकिन टिकट कंफर्म नहीं होने से यात्रियों को होने वाली परेशानी एक बड़ा मसला बनी हुई है.

ट्रेन उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश में रेलवे
साल 2014-15 में 1.13 पीएनआर निरस्त हुए थे जबकि 2015-16 में यह  नंबर 81.05 लाख था. फाइनेंशियल एयर  2016-17 और 2017-18 में यह तादाद क्रमशः 72.13 लाख और 73 लाख रही थी. साल 2018-19 में यह तादाद कम होकर 68.97 लाख पर आ गई थी. हालांकि, कोरोना से प्रभावित माली साल 2020-21 में यह तादाद गिरकर 38.89 लाख पर आ गई थी लेकिन इसकी वजह यह थी कि कोरोना के कारण लंबे वक्त तक ट्रेनों का परिचालन ही ठप रहा था. हालांकि, रेलवे का कहना है कि वह लोगों की मांग पर ट्रेन उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है. एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा होने पर वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के कैंसिल होने का अंदेसा काफी हद तक कम होगा.

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