NIA ने अपनी चार्जीशीट में कहा है कि PFI 2047 तक इस्लामिक शासन लागू करना चाहती है. इसके अलावा भी कई और बड़ी आरोप लगाए हैं. पढ़िए पूरी खबर.
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PFI: अक्सर आतंकवादी गतिविधियों के आरोपों में घिरी रहने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर आरोप लगा है कि उसका मकसद था कि वो भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बना दें और इस्लामिक शासन लागू कराए. इसके लिए उसने 'सर्विस टीम' और क्लिर स्क्वॉड भी बनाया है. यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेसीं (NIA) ने किया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल 26 जुलाई को कर्नाटक के दक्षिण में सुलिया तालुक के बेलारे गांव में भाजपा के युवा मोर्चा जिला समिति के सदस्य प्रवीण नेतरू के कत्ल हत्या के मामले में बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट के सामने शुक्रवार को दाखिल आरोप पत्र में ये खुलासे किए. PFI पर आरोप है एक विशेष समुदाय के लोगों के बीच आतंक पैदा करने के लिए नेतरु को घातक हथियारों के साथ सार्वजनिक रूप से मार डाला गया था.
20 पीएफआई सदस्यों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में आगे कहा गया है कि 'सर्विस टीम' के सदस्यों को हथियारों के साथ-साथ हमले और अन्य टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग भी दी गई. ताकि लोगों और नेताओं की पहचान करने, उनपर नजर रखी जा सके. चार्जशीट में एनआईए ने कहा कि 'सर्विस टीम' के मेंबर्स को पीएफआई के सीनियर नेताओं के हुक्म पर चिन्हित लक्ष्यों पर हमला करने और मारने के लिए ट्रेंड किया गया था."
चार्जशीट में कहा गया है कि पीएफआई के सदस्यों और नेताओं द्वारा बेंगलुरू शहर, सुलिया टाउन और बेल्लारे गांव में हुई मीटिंग्स में, "जिला सेवा दल के चीफ मुस्तफा को निर्देश दिया गया था कि वे किसी विशेष समुदाय के एक प्रमुख सदस्य की पहचान करें और उसे टार्गेट करें. आदेश के मुताबिक चार लोगों की तलाश की गई और उनकी पहचान की गई. उनमें प्रवीण नेतरू, जो भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य थे, पर पिछले साल 26 जुलाई को घातक हथियारों से हमला किया गया था और बड़े पैमाने पर लोगों के बीच खतरनाक हथियारों से कत्ल कर दिया गया था.
बता दें कि जिन 20 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें 20 लोगों 6 फरार हैं और मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए इनाम घोषित किए गए हैं.
बता दें कि जिन 20 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें 20 लोगों 6 फरार हैं और मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए इनाम घोषित किए गए हैं.
NIA की चार्जशीट में मोहम्मद शियाब, अब्दुल बशीर, रियाज, मुस्तफा पाइचर, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबक्कर सिद्दीक, नौफल एम, इस्माइल शफी के, के महम्मद इकबाल, शहीद एम, महम्मद शफीक जी, उमर फारूक एमआर, अब्दुल कबीर सीए, मुहम्मद इब्राहिम शा , सैनुल आबिद वाई, शेख सद्दाम हुसैन, जकीर ए, एन अब्दुल हारिस, थुफैल एमएच के नाम हैं.
चार्जशीट किए गए अभियुक्तों में मुस्तफा पाइचर, मसूद केए, कोडाजे मोहम्मद शेरिफ, अबुबक्कर सिद्दीक, उमर फारूक एमआर और थुफैल एमएच फिलहाल फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी की जानकारी के लिए इनाम घोषित किए गए हैं.
दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे पुलिस थाने में सबसे पहले 27 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था और एनआईए ने पिछले साल 4 अगस्त को फिर से मामला दर्ज किया था. गृह मंत्रालय ने सितंबर में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पीएफआई, उसके सहयोगियों को गैरकानूनी ऐलान कर पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था.
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