भारत के औषधि महानियंत्रक ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई-फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उसका पक्ष भी पूछा है. सूत्रों ने बताया कि ई-फार्मेसी जिस बिजनेस मॉडल का पालन कर रहे हैं, वह उन मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है.
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नई दिल्लीः ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर देश में बहुत जल्द प्रतिबंध लग सकता है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ई-फार्मेसी द्वारा दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि ई-फार्मेसी जिस बिजनेस मॉडल का पालन कर रहे हैं, वह उन मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है, जो ऑनलाइन दवाओं का ऑर्डर कर रहे हैं. उनकी डेटा गोपनीयता खतरे में है और इससे दवाओं के दुरुपयोग की संभावना है.
भारत के औषधि महानियंत्रक ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई-फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उसका पक्ष भी पूछा है.
कई बड़ी कंपनियां हैं मैदान में
गौरतलब है कि डीसीजीआई द्वारा 8 फरवरी को ऑनलाइन फ़ार्मेसी और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था . इस लिस्ट में Tata1mg, Practo, Apollo Amazon, Flipkart जैसी बड़ी कम्पनियाँ शामिल हैं. उनसे दो दिनों के अंदर जवाब देने या देश में दवाओं की बिक्री और वितरण पर बिना किसी नोटिस के कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ई-फार्मेसी कारोबार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन कर रहा है.
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने 20 से ज्यादा ऐसी ऑनलाइन फ़ार्मेसी और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें कुछ बड़े कारोबारी घराने भी शामिल हैं.
इस बात की जताई गई थी आंशका
इस संबंध में ऑल इंडियन ओरिजिन केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स केंद्र सरकार को लगातार चेतावनी दे रहा था कि ड्रग कानून, फार्मेसी कानून और अन्य दवाओं से संबंधित नियम/आदेश, आचार संहिता, इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री और दवा के प्रचार की इजाजत नहीं देते हैं. छूट और योजनाओं के साथ विज्ञापन और बिक्री जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. संगठन ने ये भी कहा था कि ऑनलाइन ऐप से नारकोटिक ड्रग्स, गर्भावस्था समाप्ति किट, एंटीबायोटिक्स तक पहुंचना आसान हो गया है, और इसकी अंतरराज्यीय आपूर्ति सीधे मरीजों तक हो रही है. राज्य एफडीए द्वारा इसका पता लगाना और ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो गया है. एआईओसीडी ने कहा कि ऑनलाइन फ़ार्मेसी अपना खुद का डेटा भी बना रही हैं, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा के उजागर होने का ख़तरा भी पैदा हो गया है.
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