Ajmer Dargah News: आज आएगा दरगाह का इतिहास सामने, हाई कोर्ट के वकील करेंगे PC
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Ajmer Dargah News: आज आएगा दरगाह का इतिहास सामने, हाई कोर्ट के वकील करेंगे PC

Ajmer Dargah News: अजमेर दरगाह मामले में आज हाई कोर्ट के वकील काशिफ जुबैरी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. वह इस दौरान दरगाह के इतिहास के बारे में बताने वाले हैं.

Ajmer Dargah News: आज आएगा दरगाह का इतिहास सामने, हाई कोर्ट के वकील करेंगे PC

Ajmer Dargah News: अजमेर दरगाह पर दावा किया गया है कि पहले यहां शिव मंदिर हुआ करता था. आज इस मामले में हाईकोर्ट ऐडवोकेट काशिफ ज़ुबैरी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं, जिसमें वह दरगाह के इतिहास को मीडिया के सामने रखने वाले हैं. इसके साथ ही वह दरगाह के दस्तावेज भी मीडिया के सामने पेश करेंगे. 

क्या है अजमेर दरगाह मामला?

दरअसल अजमेर दरगाह पर हिंदू नेता विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि पहले यहां शिव मंदिर हुआ करता था. जिसे तोड़कर दरगाह को बनाया गया था. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह दावे सिरे से गलत हैं और यह दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की है.

20 दिसंबर को हुई थी सुनवाई

इस मामले में पिछली सुनवाई 20 दिसंबर को हुई थी. जिसमें पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई गई थी और विष्णु गुप्ता के वकीलों ने इसका विरोध किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि सबको इस मामले में पक्षकार न बनाया जाए और बिना पक्षकार बने इस केस की कॉपी किसी को भी न दी जाए.

किसने की थी अपील

दरअसल, इस मामले में दरगाह के दीवान ने अपील की थी कि उन्हें भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए. दरगाह दीवान के पुत्र नसरुद्दीन अली ने कोर्ट में दलील दी थी कि वह ख्वाजा मोइनुद्दीन के वंशज हैं, जिसकी वजह से उन्हें भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए.

कल होनी है इस मामले में सुनवाई

वहीं इससे पहले हुई सुनवाई में तीन प्रतिवादियों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया था और जवाब मांगे थे. जिन लोगों को नोटिस दिया गया था उनमें दरगाह कमेटी, एएसआई और अल्पसंख्यक मामलात विभाग दिल्ली थे. अब इस मामले में सुनवाई कल यानी 24 नवंबर को होनी है.

मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने का सिलसिला

बता दें, देश में लोकसभा चुनाव के बाद से ही मस्जिदों और मजारों में मंदिरों को ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ है. संभल की शाही मस्जिद पर मंदिर होने का दावा किया गया, जिसके बाद 24 नवंबर को पुलिस और लोगों के बीच झड़प हुई. इसके बाद अजमेर दरगाह और दिल्ली की जामा मस्जिद पर भी दावे किए गए. 

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