NEET Row: नीट मामले में आज एक नई याचिकाओं को सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, की गई हैं बड़ी मांगे
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NEET Row: नीट मामले में आज एक नई याचिकाओं को सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, की गई हैं बड़ी मांगे

NEET Row:  नीट मामले में आज सुप्रीम कोर्ट नई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है. इन याचिकाओं में कई तरह की डिमांड की गई हैं. इससे पहले भी कोर्ट कई याचिकाओं पर सुनवाई कर चुका है.

NEET Row: नीट मामले में आज एक नई याचिकाओं को सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, की गई हैं बड़ी मांगे

NEET Row: सुप्रीम कोर्ट आज NEET-UG 2024 विवाद से जुडे़ कथित लीक और गड़बड़ी पर नई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. याचिकाओं पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ सुनवाई करने वाली है. नई याचिकाओं में से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन के जरिए दायर की गई हैं.

याचिका में क्या की गई है मांग

याचिकाओं में मांग की गई है कि परीक्षा रद्द की जाए और इसे नए सिरे से आयोजित करने के निर्देश दिए जाएं. इसके अलावा, याचिकाओं में प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं की एक स्वतंत्र एजेंसी या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई है.

620 से ज्यादा अंक लाने वालों की हो जांच

इसके अलावा, याचिकाओं में अदालत के जरिए नियुक्त समिति या स्वतंत्र एजेंसी को परीक्षा के बाद पृष्ठभूमि की जांच, फोरेंसिक जांच सहित विश्लेषण करने और 620 अंक या उससे अधिक अंक लाने वाले सभी उम्मीदवारों की जांच करने के निर्देश देने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से दायर चार याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा. एजेंसी ने NEET-UG परीक्षा विवाद के संबंध में अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित सभी मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की है.

नीट काउंसलिंग पर नहीं लगाई गई है रोक

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग रोकने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंपने से भी इनकार कर दिया था. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता ने कहा था कि इसमें शामिल अन्य पक्षों को सुने बिना सीबीआई जांच नहीं हो सकती. पीठ ने एनईईटी परीक्षा विवाद पर चार अलग-अलग याचिकाओं पर एनटीए को नोटिस भी जारी किया था और दो सप्ताह में उनसे जवाब मांगा था. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई थी.

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा था कि किसी की ओर से "0.001% लापरवाही" से भी पूरी तरह निपटा जाना चाहिए. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की पीठ ने एनटीए और केंद्र से कहा कि वे नीट-यूजी के खिलाफ दायर याचिकाओं को "प्रतिकूल मुकदमेबाजी" के रूप में न मानें और इसके बजाय गलतियों को सुधारें.

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