Eid al-Adha 2023: मुस्लिम मजदूर बदरीनाथ में नहीं जोशीमठ में पढ़ेंगे नमाज, जानें क्या है पूरा मामला?
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Eid al-Adha 2023: मुस्लिम मजदूर बदरीनाथ में नहीं जोशीमठ में पढ़ेंगे नमाज, जानें क्या है पूरा मामला?

Eid al-Adha 2023: इस बार मुसलमान बदरीनाथ में नमाज नहीं पढ़ेंगे बल्कि वह नमाज अदा करने के लिए जोशीमठ जाएंगे.

Eid al-Adha 2023: मुस्लिम मजदूर बदरीनाथ में नहीं जोशीमठ में पढ़ेंगे नमाज, जानें क्या है पूरा मामला?

Eid al-Adha 2023: बदरीनाथ धाम में दो साल पहले कथित रूप से चोरी-छिपे बकरीद की नमाज पढ़े जाने को लेकर हुए विवाद के मद्देनजर इस बार पुलिस ने वहां रह रहे मुसलमान समुदाय के लोगों को ईद की नमाज जोशीमठ में अदा करने का सुझाव दिया है. पुलिस ने बताया कि बदरीनाथ पुलिस थाने में मंगलवार को इस ताल्लुक से आयोजित बैठक में बदरीनाथ धाम में निर्माण कार्यों में लगे मुसलमान समुदाय के लोगों ने पुलिस के इस सुझाव पर सहमति जताई है.

सभी पक्षों से हुई बातचीत

इस बैठक में पंडा पुरोहित समाज के अगुआकारों ने भी हिस्सा लिया. बदरीनाथ के पुलिस थाना प्रभारी के सी भट्ट ने बताया कि इन दिनों बदरीनाथ में निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें मुसलमान समुदाय के मिस्त्री और मजदूर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि बकरीद के त्योहार पर नमाज अदा करने को लेकर सभी पक्षों से बातचीत की गई और सभी ने धाम की मर्यादा के हिसाब से नमाज धाम से बाहर अदा करने पर रजामंदी जतायी. 

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जोशीमठ जाने पर राजी हुए मुसलमान

पुलिस अधिकारी ने कहा कि तय किया गया है कि हनुमान चट्टी से नीचे ही नमाज अदा करने की अनुमति होगी. बदरीश पंडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने इस बात पर खुशी जताई कि बदरीनाथ धाम की गरिमा बनाए रखने के लिए मुसलमान समुदाय के लोगों ने बदरीनाथ में बकरीद पर नमाज नहीं पढ़ने और इसके लिए जोशीमठ जाने पर रजामंदी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार के मुस्लिम समुदाय के मजदूरों की ओर से बदरीनाथ में चोरी छिपे बकरीद की नमाज अदा करने की कोशिश की गई थी. इस घटना को लेकर तब मामला भी दर्ज हुआ था.

क्यों पढ़ी जाती है नमाज?

ख्याल रहे कि बकरीद के दिन सुबह 7 बजे से 10 बजे के दरमियान 2 रकात नमाज अदा की जाती है. चूंकि यह वाजिब है इसलिए लगभग हर मुसलमान इस नमाज को अदा करता है. ज्यादातर लोग ईद उल अजहा की नमाज ईदगाह में अदा करते हैं तो कुछ लोग मस्जिद में. लेकिन जहां पर मस्जिद नहीं है वहां पर लोग अपने घरों में आस-पास के साफ सुथरा इलाके में नमाज अदा करते हैं.

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