मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी गई है. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि हालत को देखते हुए अपराध की बात सामने आई है.
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. उमर के खिलाफ 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ जिले में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. मऊ जिले के कोतवाली थाना में चार मार्च, 2022 को दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि तीन मार्च, 2022 को पहाड़पुर मैदान में आयोजित जनसभा में प्रत्याशी अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और करीब 150 अज्ञात लोग एकत्रित हुए और इन्होंने चुनाव बाद मऊ प्रशासन से हिसाब किताब लेने की धमकी दी.
अपराध की बात आई सामने
अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने कहा, “इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध की बात सामने आती है. इसके अलावा, याचिकाकर्ता का पिछला इतिहास दर्शाता है कि वह विभिन्न प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है.”
मुख्य आरोपी नहीं उमर अंसारी
सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी और साथी वकील उपेन्द्र उपाध्याय ने दलील दी कि याचिकाकर्ता इस मामले में मुख्य आरोपी नहीं है, बल्कि अब्बास अंसारी मुख्य आरोपी हैं, जिसे संबंधित निचली अदालत द्वारा जमानत दी जा चुकी है. उन्होंने दलील दी कि इस मामले में याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई भाषण नहीं दिया जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा हो और इस मामले की प्रकृति दर्शाती है कि राजनीतिक प्रतिशोध की वजह से यह मामला दर्ज किया गया है.
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