इस प्रदेश में पाए जाते हैं देशभर के सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते; 100 आदमी पर 3 स्ट्रे डॉग
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1596928

इस प्रदेश में पाए जाते हैं देशभर के सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते; 100 आदमी पर 3 स्ट्रे डॉग

देशभर में अगर आवारा कुत्तों की बात की जाए तो इसमें सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं. प्रदेश में कुत्तां की संख्या ज्यादा होने से कुत्ता काटने के मामले भी इस प्रदेश में ज्यादा बढ़ रहे हैं.

अलामती तस्वीर

नोएडाः हाल के दिनों में देशभर से ऐसी कई खबरें आई हैं, जिनमें पालतू से लेकर आवारा कुत्तों ने बच्चों और बड़ों पर हमले किए हैं. इन हमलों में कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आवारा कुत्तों की संख्या देशभर में बढ़ रही है और यह कई प्रदेशों में आम नागरिकों के साथ स्थानीय प्रशासन के लिए मुसीबत बनते जा रहे है. देशभर में अगर आवारा कुत्तों की बात की जाए तो इसमें सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं. नगर विकास विभाग के मुताबिक प्रदेश में कुत्तां की संख्या ज्यादा होने से कुत्ता काटने के मामले भी इस प्रदेश में ज्यादा बढ़ रहे हैं.

किस प्रदेश में कितनी है आवारा कुत्तों  की संख्या 
उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों की बात करें तो इसकी संख्या 20,59,261 है, जबकि यहां पालतू कुत्तों की तादाद उनके मुकाबले काफी कम है, यानी लगभग 4,22,129 है. राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रति 100 व्यक्तियों पर इस प्रदेश में तीन आवारा कुत्ते हैं. उड़ीसा में आवारा कुत्तों की संख्या 17.34 लाख है. महाराष्ट्र में ये संख्या 12.76 लाख है, और राजस्थानी दिल्ली में यह संख्या 12.75 लाख है. कर्नाटक में 11.41 लाख और पश्चिम बंगाल में 11.04 लाख है. मध्य प्रदेश में ये संख्या 10.09 लाख है और आंध्र प्रदेश में 8.64 लाख है. बिहार की बात करें तो यहां इसकी संख्या लगभग 6.96 है. इन आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रदेश में कितने आवारा कुत्ते हैं जिसकी वजह से उनके काटने और उनसे होने वाले हादसों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. 

जानवरों को लेकर असंवेदनशील हो रहे हैं लोग 
पहले लगभग हर हिंदू परिवार में पहली रोटी गाय और आखिरी कुत्ते के लिए निकाली जाती थी. बचा हुआ खाना डस्टबिन में नहीं बल्कि घर के बाहर सड़क किनारे रख दिया जाता था. बेजुबानों के प्रति क्रूरता नहीं बल्कि करुणा का पाठ पढ़ाया जाता था, लेकिन आज ऐसा करने वाले लोग उंगलियों पर गिने जा सकते हैं. कुत्तों की आबादी लगातार बढ़ रही है और उनके लिए खाना कम हो रहा है.

इस वजह से आक्रामक हो रहे हैं कुत्ते 
नई-नई कॉलोनियां बन रही हैं और कुत्तों के आवासों पर इंसान का कब्जा हो रहा है. कुत्तों को उनके इलाकों से निकाला जा रहा है, इससे भी कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं. एक्सपर्ट की मानें तो ज्यादातर मामलों में कुत्तों की आक्रामकता का सीधा संबंध भूख से होता है. कुत्तों के स्थानांतरण की वजह से भी इनके आक्रामक होने और काटने के मामले बढ़ते हैं. नगर निगम कर्मचारी कुत्तों को उनके मूल स्थान से उठाकर किसी दूसरे इलाके में छोड़ देते हैं, जिससे वो घबरा जाते हैं और इसी घबराहट में किसी को काट लेते हैं. कानून बनाने वाले को इसका आभास होगा, इसलिए कानून में रीलोकेशन प्रतिबंधित है. इसके बावजूद नगर निगम कुत्तों को स्थानांतरण करता है. 

क्या है आवारा कुत्तों का समाधान 
एक्सपर्ट बताते हैं कि कुत्ते के काटने और उनकी आबादी बढ़ने से रोकने के लिए सबसे पहला कदम उनकी नसबंदी है. जब आबादी सीमित होगी, तो संघर्ष की आशंका भी सीमित हो जाएगी. उनके लिए भोजन और पानी की उपलब्धता भी जरूरी है. फिलहाल ऐसा कोई इंतजाम कहीं नजर नहीं आता है. कुत्तों को खाना-पानी मिलेगा, तो आक्रामकता अपने आप कम होगी. नगर निगम कर्मियों को कड़े निर्देश देते हुए रीलोकेशन पर रोक लगाना होगा. लोगों को जागरूक कर कम्युनिटी डॉग की अवधारणा को अमल में लाना होगा. सोसाइटी या कॉलोनी के लोग मिलकर कुछ डॉग्स को अडॉप्ट कर लें, तो उस इलाके में दूसरे कुत्तों की एंट्री नहीं होगी. इससे डॉग बाइट की घटनाओं में कमी आएगी और कॉलोनियों को मुफ्त के चौकीदार भी मिल जाएंगे.

Zee Salaam

Trending news