Most of the out of school children in Bihar include Muslim and Mahadalit children: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की यौमे पैदाईश पर आयोजित ‘शिक्षा दिवस’ प्रोग्राम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हम बजट का 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर खर्च करेंगे.
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पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दावा किया है कि मौजूदा वक्त में बजट का 21 फीसदी तक हिस्सा पढ़ाई पर खर्च हो रहा है और उनकी सरकार 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर होने वाले खर्च को बढ़ाएगी. यहां भारत के पहले शिक्षा मंत्री मरहूम मौलाना अबुल कलाम आजाद की यौमे पैदाईश पर आयोजित ‘शिक्षा दिवस’ प्रोग्राम में कुमार ने प्रदेश में शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने का दावा करते हुए कहा. कुमार ने कहा कि हमारे सत्ता में आने के बाद जब हमने सर्वे कराया तो पता चला कि साढ़े 12 फीसदी बच्चे और बच्चियां स्कूल नहीं जाते हैं. मुस्लिम समुदाय और महादलित समुदाय के बच्चे इसमें सबसे ज्यादा थे, उसके बाद इनके लिए पढ़ने का इंतजाम सरकार ने कराया है.
बिहार में शिक्षा के स्तर में सुधार से घट रहा जन्म दर
नीतीश कुमार के मुताबिक, अब 0.5 फीसदी से भी कम बच्चे-बच्चियां स्कूल से बाहर हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि सभी पढ़ें. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक, पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है, तो मुल्क का प्रजनन दर दो और बिहार का प्रजनन दर भी दो है, लेकिन पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर (मीडिएट) पास है तो मुल्क का प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है. उन्होंने कहा कि साल 2011-12 में बिहार का प्रजनन दर 4.3 था, जो घटकर आज 2.9 पर आ गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियां पढ़ेंगी तो राज्य का प्रजनन दर 2.9 से घटकर 2 पर आ जाएगा.
स्कूल न जाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश
कुमार ने कहा कि लड़कियों को शिक्षित करने के लिए पोशाक योजना, साईकिल योजना समेत कई इंतजाम किए गए हैं, जिसके नतीजे में बड़ी तादाद में लड़कियां स्कूल जाने लगीं हैं, और आज लड़कों के बराबर लड़कियां मैट्रिक के इम्तिहान में शामिल हो रही हैं. उन्होंने शिक्षा के विकास के लिए प्रदेश में कई कदमों का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षकों की बहाली की गई और महाविद्यालय और विश्वविद्यालय बनाए गए है. उन्होंने कहा,‘‘ हम आप शिक्षकों से कहेंगे कि आपलोग स्कूल जायें और बच्चों को ठीक से पढ़ाएं, जो शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं, उन पर कार्रवाई करें.’ इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आजादी में मरहूम मौलाना अबुल कलाम आजाद की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी. समाज में आपसी एकता को बनाए रखने में उनका अहम किरदार था.’’
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