भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया था. प्रस्ताव में इज़राइल से तत्काल युद्धविराम, अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक नागरिकों की सुरक्षा और सभी बंधकों की रिहाई का आह्वान किया गया था.
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PM Modi holds talks with MBS: PM नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ फोन कॉल पर चर्चा की है. PM मोदी ने अपनी बातचीत में भारत और सऊदी अरब के बीच अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सुरक्षा संबंधी साझेदारी के भविष्य को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने इजराइल-हमास के बीच चल रही जंग और वेस्ट एशिया की स्थिति पर भी विस्तार से बात की है. दोनों नेताओं ने जंग में आतंकवाद और लोगों की मौत को लेकर चिंता जाहिर की है. इस बात-चीत में PM मोदी और मोहम्मद बिन सलमान ने इलाके में सुरक्षा, शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत जताई है.
शांति और स्थिरता के लिए मिलकर करेंगे काम
बात चीत की जानकारी देते हुए PM मोदी ने X पर लिखा, "भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी के भविष्य पर मेरे भाई HRH प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के साथ अच्छी बातचीत हुई. हमने पश्चिम एशिया की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया और आतंकवाद, हिंसा और नागरिक जीवन की हानि के संबंध में चिंताओं को साझा किया है. इसके अलावा क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.
Held a good conversation with my Brother HRH Prince Mohammed bin Salman bin Abdulaziz Al Saud on the future of Strategic Partnership between India and Saudi Arabia. We exchanged views on the West Asia situation and shared concerns regarding terrorism, violence and the loss of…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2023
गाज़ा में जारी रहे सहायता अभियान
PM मोदी ने अपनी चर्चा के दौरान फिलिस्तीन और गाज़ा के मुद्दे पर भारत का पुराने रुख को कायम रखा है. PM मोदी ने गाज़ा में मानवीय सहायता जारी रखने का अह्वान किया है. इस बात चीत के बाद दोनों नेता संकट के समय में मिलकर काम करने पर सहमत हुए है. इसके अलावा समुद्री सुरक्षा और जहाजों की बिना किसी रुकावट से अवा-जाही पर भी चर्चा हुई है.
सीजफायर के लिए किया था भारत ने वोट
भारत ने 13 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, प्रस्ताव में इज़राइल से तत्काल युद्धविराम, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नागरिकों की सुरक्षा और सभी बंधकों की रिहाई का आह्वान किया गया था.