पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने पहले दिया इस्लाम पर ज्ञान, अब देनी पड़ी सफाई; कहा- करता हूं दूर्गा पूजा...
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पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने पहले दिया इस्लाम पर ज्ञान, अब देनी पड़ी सफाई; कहा- करता हूं दूर्गा पूजा...

Firhad Hakim Controversial Statement on Islam: पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में अखिल भारतीय कुरान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. जहां, उन्होंने कथित विवादित बयान दिया था. जिसपर बीजेपी हमलावर है.

पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने पहले दिया इस्लाम पर ज्ञान, अब देनी पड़ी सफाई; कहा- करता हूं दूर्गा पूजा...

Firhad Hakim Controversial Statement on Islam: पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने एक धार्मिक कार्यक्रम में कथित तौर पर आपत्तिजन टिप्पणी की थी, जिसके बाद पूरे राज्य में समेत विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायकों ने उनके धार्मिक टिप्पणी को को लेकर उनसे माफी मांगने की मांग कर रहे थे. इसके साथ ही उनका बॉयकाट करने की भी धमकी दी थी. अब मंत्री फिरहाद हकीम सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनकी बयानों को गलत तरीके से समझा गया है और उनका किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. 

मंत्री करते हैं दुर्गा पूजा
वहीं, राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर हकीम ने गुरुवार को विधानसभा को बताया कि वह मुस्लिम हैं, लेकिन नियमित रूप से दुर्गा पूजा और काली पूजा का आयोजन करते हैं.

बीजेपी विधायक क्यों करते थे वॉकआउट
पिछले महीने अखिल भारतीय कुरान प्रतियोगिता में की गई टिप्पणियों को लेकर जब भी हकीम विधानसभा में बोलने के लिए खड़े होते थे, तो बीजेपी विधायक सदन से वॉकआउट कर देते थे. इस पर मंत्री हमकी ने कहा, "यह देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भी मैं किसी सवाल का उत्तर देने के लिए खड़ा होता हूं, तो वह व्यक्ति या समूह वॉकआउट कर देता है. अगर मेरी किसी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला जा रहा है, तो मैं क्या कर सकता हूं? यहां मौजूद लोग, जिनमें (बीजेपी) के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष भी शामिल हैं, क्या वे मुझे बता सकते हैं कि वे मुझे धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति मानते हैं या नहीं? सभी जानते हैं कि मैं धर्मनिरपेक्ष हूं. इस सदन के बाहर एक कार्यक्रम में की गई मेरी टिप्पणियों में से एक का राजनीतिकरण करना सही नहीं है." 

मंत्री को देनी पड़ी सफाई
उन्होंने कहा, "मैंने कभी किसी दूसरे धर्म के लोगों का अपमान नहीं किया और न ही अपने जीवन के आखिरी दिन तक ऐसा करूंगा, मैं दूसरे धर्मों के लोगों का सम्मान करता हूं. मैं इस्लाम से ताल्लुक रखता हूं, लेकिन नियमित रूप से दुर्गा पूजा और काली पूजा का आयोजन करता रहा हूं. मेरी टिप्पणियों का अनावश्यक रूप से राजनीतिकरण किया जा रहा है. मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. मैं एक धर्मनिरपेक्ष परिवार में पैदा हुआ हूं और आगे भी ऐसा ही रहूंगा."

सुवेंदु अधिकारी ने क्या कहा?
 विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हकीम ने जिस तरह से अपनी टिप्पणियों को समझाया, उससे वह सहमत हैं. उस समारोह में आपको मेयर और मंत्री के तौर पर आमंत्रित किया गया था. मैं वह नहीं कह रहा हूं, जो आपने वहां कहा. आपके भाषण का पहला हिस्सा ठीक है, लेकिन दूसरे हिस्से में आपने दूसरे धर्मों के लोगों को उस धर्म में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें आपकी आस्था है. मैं नहीं चाहता कि आप माफी मांगें, लेकिन हम चाहते हैं कि आप सिर्फ उन लोगों से माफी मांगें जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं."  इसके बाद हकीम ने कहा कि वह वहां इसलिए गए थे, क्योंकि उन्हें एक खास धर्म के प्रतिनिधि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

क्या है पूरा मामला
राज्य की राजधानी कलकत्ता में अखिल भारतीय कुरान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. जिसमें उन्होंने कहा था, "हम मुसलमान हैं, मुसलमान घर में पैदा हुए, मुसलमान घर में पले-बढ़े, हमारी नमाज की तहजीब ज़्यादातर लोगों को पता है, लेकिन जो बदकिस्मती से पैदा हुए, जो इस्लाम में पैदा नहीं हुए, उन्हें भी इस्लाम की एजुकेशन दी जाती है." इस बयान के बाद बीजेपी ने मंत्री का जमकर विरोध किया और माफी मांगने की भी अपील की.

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