Kerala opposition on UCC: केरल में सरकार और विपक्ष UCC पर आमने सामने हो गया है. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है. जानें आखिर सरकार और विपक्ष में यूसीसी को लेकर इतना घमासान क्यों है.
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Kerala News: केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) पर अपना हमला जारी रखा.और इस मामले में CPIM पर "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया और वाम दल को अपने पूर्व नेता ईएमएस नंबूदरीपाद के रुख को त्यागने की चुनौती दी. जो सभी नागरिकों के लिए एक समान व्यक्तिगत कानून के पक्ष में थे.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (LOP) वी डी सतीसन ( VD SATHEESHAN ) ने कहा कि केरल के पहले सीएम नंबूदरीपाद ने 1957 में यूसीसी को लागू करने का आह्वान किया था. सतीसन ने सीपीआई (एम) को यह बताने की चुनौती दी कि उनके पूर्व नेता द्वारा लिया गया रुख गलत था. उन्होंने आरोप लगाया कि वाम दल का दोहरा चरित्र इस तथ्य से स्पष्ट है कि वह नंबूदिरीपाद की कही बातों को छोड़ने को तैयार नहीं है.वह सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वालों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं ले रही है और वह चुनिंदा मुस्लिम संगठनों तक पहुंच बना रही है.
यूसीसी मुद्दे पर उन्होंने आगे कहा कि सीपीआई (एम) द्वारा अपनाए जा रहे रुख से पता चलता है कि वह भाजपा और संघ परिवार के समान रास्ते पर चल रही है जो कथित तौर पर यूसीसी के माध्यम से सांप्रदायिक संघर्ष पैदा करने और देश के लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं. सतीसन ने दावा किया कि सीपीआई (एम) भी लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि उसने समस्त और आईयूएमएल जैसे चुनिंदा मुस्लिम संगठनों से संपर्क किया.
लेकिन यह ऐसा मुद्दा नहीं है जो अकेले मुसलमानों को प्रभावित करता है. यह देश में सभी को प्रभावित करेगा.पत्रकारों से बात करते हुए समस्त इस्लामी विद्वानों का एक संगठन है और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) केरल में कांग्रेस की एक प्रमुख सहयोगी है. विपक्ष के नेता ने यूसीसी पर कांग्रेस में किसी भी तरह के मतभेद से भी इनकार किया.
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जयराम रमेश ने स्पष्ट रूप से किया दिया था संकेत
सतीसन ने कहा कि इससे पहले भी वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने यूसीसी के खिलाफ टिप्पणी की थी.कांग्रेस नेता और एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया था कि सबसे पुरानी पार्टी यूसीसी के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं थी. उन्होंने कहा कि यूसीसी पर कांग्रेस का रुख हमेशा एक ही रहा है.सभी नागरिकों के लिए समान व्यक्तिगत कानून कि इसकी आवश्यकता नहीं है. और यह सीपीआई (एम) है जो इस मुद्दे पर अपना रुख बदलती दिख रही है.
हमने संसदीय समिति के समक्ष इसका विरोध किया. एक बार विधेयक आने के बाद हम देखेंगे कि इसके पीछे क्या इरादा है और तदनुसार संसद के अंदर और बाहर इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे हम आगे की कार्रवाई तय करने के लिए यूडीएफ की बैठक भी बुलाएंगे. और जयराम रमेश ने कहा कि सीपीआईएम केवल स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
सतीसन ने कहा
सतीसन ने यह भी कहा कि किसी धर्म में सुधार या परिवर्तन उसके भीतर ही होना चाहिए और राज्य को इसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है. सबरीमाला मुद्दे पर महिलाओं के प्रवेश के संबंध में हमारा यही रुख थाऔर सतीशन ने कहा कि पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर में मासिक धर्म की आयु और यूसीसी पर हमारा रुख यही है.
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूसीसी को लागू करने पर जोर देने के बाद यूसीसी को लेकर राज्य में एक मजबूत राजनीतिक बहस शुरू हो गई थी.
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