कर्नाटक महाराष्ट्र सरहद पर जारी विवाद पर बोले अमित शाह, SC का फैसला आने कोई नहीं करेगा दावा
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कर्नाटक महाराष्ट्र सरहद पर जारी विवाद पर बोले अमित शाह, SC का फैसला आने कोई नहीं करेगा दावा

Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के सरहदी इलाकों पर दावों को लेकर पिछले हफ्ते विवाद बढ़ गया. इसके बाद आज केंद्रीय गृह मंत्री ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की मामले को सुलझाने की कोशिश की.

 

 

कर्नाटक महाराष्ट्र सरहद पर जारी विवाद पर बोले अमित शाह, SC का फैसला आने कोई नहीं करेगा दावा

Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक सरहद के दरमियान जारी विवाद पर आज गृह मंत्री अमित शाह ने मीटिंग की है. मीटिंग में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया. इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई शामिल हुए. अमित शाह के मुताबिक विवाद को सुलझाने के लिए उन्होंने दोनों पक्षों से अच्छे माहौल में बात की.

अमित शाह के मुताबिक दोनों पक्षों ने कहा कि विवाद का हल सड़कों पर नहीं होता. फेक ट्विटर हैंडल से लोगों के सेंटीमेंट भड़काए गए हैं. अमित शाह ने उम्मीद जताई कि दोनों पार्टियों से उम्मीद की जाती है कि वह फैसले पर अमल करेंगे और इसे सियासी मुद्दा नहीं बनने देंगे. मामले में जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आएगा तब तक कोई भी राज्य क्लेम नहीं करेगा. 

अमित शाह ने कहा कि दोनों राज्यों में कानूनी हालत ठीक रहे इसके लिए एक सीनियर आईएस अफसर की कयादत में एक कमेटी बनाई जाएगी. दोनों रियासतों के बीच जो भी दूसरे भाषा के लोग हैं उनको सियासत का मुद्दा न बनाया जाए. 

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ख्याल रहे कि दोनों राज्यों के बीच पिछले हफ्ते सरहद पर विवाद बढ़ गया था. जब दोनों तरफ से गाड़ियों को निशाना बनाया गया. दोनों राज्यों के नेताओं बयानबजी की, इसके बाद कन्नड़ और मराठी सपोर्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया. इसके बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने फोन पर बातचीत की और कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कही.

जबान की बुनियाद पर दोनों राज्य बनाए गए. साल 1957 से दोनों राज्यों के बीच सरहद का विवाद जारी है. महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा करता है. यह उस वक्त के बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था. क्योंकि यहां ज्यादातर मराठी बोलने वाले लोग हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र 814 मराठी गावों पर अपना दावा करता है यहां ज्यादातर मराठी बोलने वाले हैं लेकिन यह कर्नाटक का हिस्सा है.

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