K Chandrasekhar Rao: राष्ट्रीय राजनीति में उतरेंगे तेलंगाना के CM; देश को देंगे एक नया विकल्प
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K Chandrasekhar Rao: राष्ट्रीय राजनीति में उतरेंगे तेलंगाना के CM; देश को देंगे एक नया विकल्प

KCR New Party: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अब क्षेत्रीय राजनीति से उठकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है. तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) संकल्प ले चुके हैं. इस बीच पार्टी के NRI सदस्यों ने केसीआर के राष्ट्रीय राजनीति में उतरने के फैसले का स्वागत किया है.

के चंद्रशेखर राव

Telangana Rashtra Samithi will enter national politics: काफी समय से देश में गैर कांग्रेसी थर्ड फ्रंट बनाने का प्रयास कर रहे तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव देश में गैर कांग्रेसी थर्ड फ्रंट बनाने का प्रयास कर रहे थे. अचानक कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं है. अब उन्होंने तीसरे मोर्चे की जगह अपनी राष्ट्रीय पार्टी बनाने का फैसला लिया है. पार्टी की एनआरआई विंग ने इस फैसले की पुष्टि की है.

प्रस्ताव पारित
दुनिया भर में बसे तेलंगाना के लोगों ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) के राष्ट्रीय राजनीति में आने के फैसले के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है. तेलंगाना NRI समन्वयक बी गणेश ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें टीआरएस सुप्रीमो को विदेशों में बसे एनआरआई का समर्थन देने का ऐलान हुई. इस दौरान विभिन्न देशों के एनआरआई सदस्यों ने जूम मीटिंग में केसीआर के राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने के फैसले का स्वागत किया.

'KCR के नेतृत्व में भारत का विकास संभव'

इस अवसर पर विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने अपने विचार व्यक्त किए. सभी ने एक सुर में कहा कि केसीआर के नेतृत्व में ही भारत का विकास संभव होगा. अहम बैठक में दुनियाभर के केसीआर समर्थकों ने ये भी कहा, 'जिस तरह तेलंगाना तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है उस तरह से सभी को देश में गुणात्मक परिवर्तन आने का भरोसा है. भारत को विकास की ओर ले जाने के लिए केसीआर का नेतृत्व जरूरी है. भारत प्राकृतिक संसाधनों की भूमि है लेकिन विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अबतक की सरकारें उनका उपयोग करने में नाकाम रही हैं. केंद्र सरकार के पास धार्मिक मुद्दों को भड़काने के अलावा संसद में चर्चा करने का कोई एजेंडा नहीं है.'

बताते चलें कि 2022 में तेलंगाना में सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samiti) के 21 साल के होने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने क्षेत्रीय राजनीतिक एरिया से बाहर निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का फैसला किया था. हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में अपने स्थापना दिवस समारोह के दौरान, टीआरएस ने संकेत दिए थे कि आने वाले दिनों में पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

19 जून को होगा ऐलान
पार्टी के एनआरआई नेता महेश ने कहा कि CM केसीआर अब टीआरएस की राज्य कार्यकारिणी को संभालने के साथ अधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में अपने प्रवेश का ऐलान कर सकते हैं. 19 जून को होने वाली बैठक में टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना राज्य में हुए विकास और विकास के बारे में विभिन्न देशों में रहने वाले सभी भारतीय मूल के लोगों को जागरूक करने के साथ उन्हें एकजुट करने के मकसद से अभियान चलाया जाएगा.

एक जुट हुए दुनियाभर के लोग
यूके (UK) के अनिल कुरमाचलम ने कहा, 'बीजेपी के शासन में देश सही तरह से आगे नहीं बढ़ पाया है. वहीं केसीआर ने तेलंगाना में केवल 7 सालों में उन सभी चीजों को ठीक कर दिया है जो संयुक्त आंध्र प्रदेश में पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं. देश अब तेलंगाना की तरह तेज रफ्तार के साथ प्रगति करेगा.'
वहीं एक और यूके निवासी डी अशोक ने देश में गुणात्मक परिवर्तन पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट कंपनियों को कीमती सार्वजनिक संपत्ति दे रही है. ऐसे में भारत में बड़ा बदलाव केसीआर के नेतृत्व में ही संभव होगा.

इसी तरह न्यूजीलैंड के एनआरआई जगन को भरोसा है कि केसीआर निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाएंगे और एनआरआई भारतीय राष्ट्र समिति का समर्थन करेंगे. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाले एनआरआई राजेश ने कहा कि केसीआर से चार साल पहले ही राष्ट्रीय राजनीति में आने की अपील की थी. उनकी एनआरआई विंग राष्ट्रीय राजनीति में केसीआर की नई राजनीतिक यात्रा को पूरा समर्थन देगी.

डेनमार्क और मलेशिया से मिला समर्थन
डेनमार्क निवासी श्याम बाबू ने कहा कि केसीआर ने तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को महसूस किया है. अब तेलंगाना की योजनाओं को पूरे देश में लागू किया जाएगा. तो मलेशिया के एनआरआई चिट्टी बाबू ने कहा कि यह खुशी का क्षण है कि हमारे मजबूत नेता केसीआर राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं.
दक्षिण अफ्रीका निवासी के जी नागराजू ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी ने देश पर शासन किया लेकिन कोई गुणात्मक परिवर्तन नहीं हुआ. यह सही समय है कि तेलंगाना का विकास मॉडल पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. केसीआर देश को प्रगतिशील पथ पर ले जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले राजेश हिप्पाराज ने कहा कि तेलंगाना ने तेजी से विकास किया है और देश के सभी राज्यों से वो आगे है. इसलिए सभी एनआरआई केसीआर के नेतृत्व का समर्थन करेंगे. वहीं जाम्बिया के एनआरआई राहुल ने कहा कि केसीआर के नेतृत्व में भारत जल्द ही तेजी से विकास करेगा.

एनआरआई आज बीजेपी की नीतियों के कारण विदेशों में संघर्ष कर रहे हैं

कुवैत एनआरआई विंग की प्रतिनिधि अभिलाषा ने कहा कि भारतीय एनआरआई आज बीजेपी की नीतियों के कारण विदेशों में संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में केसीआर ही भारत को दुनिया में नंबर वन बनाएंगे जैसे कि उन्होंने तेलंगाना को विकास के मामले में नंबर 1 पर पहुंचाया है. वहीं कतर के श्रीधर ने केसीआर के राष्ट्रीय राजनीति में उतरने के फैसले का स्वागत किया है. स्विट्जरलैंड के केसीआर समर्थकों ने कहा है कि केसीआर के अनुभव से देश को मौजूदा संकट में उबारने में मदद मिलेगी. जर्मनी के अरविंद ने कहा, ' आज एनआरआई लोगों को बीजेपी की नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है इसलिए केसीआर की प्रगतिशील विचारधारा से भारत के बाहर बसे लोगों को भी मदद मिलेगी.'

तेलंगाना के नेता जल्द ही भारत का नेतृत्व करेंगे
ओमान से महिपाल और बहरीन के सतीश ने केसीआर के राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के समर्थन में प्रस्ताव को अपना पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने ये भी कहा, 'ये गर्व का क्षण है कि तेलंगाना के नेता जल्द ही भारत का नेतृत्व करेंगे. हम मानते हैं कि भारत में मजबूत बदलाव होगा और यह केसीआर द्वारा ही संभव होगा.'
सिंगापुर के कृष्ण प्रसाद ने कहा राजनीतिक व्यवस्था में जाति और धर्म की एंट्री से भारतीय व्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो गई है. मौजूदा राष्ट्रीय दल विफल हो गए हैं. ऐसे में केसीआर जल्द ही देश में बड़ा राजनीतिक बदलाव लाएंगे. इसी तरह कनाडा के कृष्णा ने भी राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने के फैसले पर केसीआर का समर्थन किया है. चीन के रविंद्र ने कहा कि केसीआर निश्चित रूप से एक मजबूत राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरेंगे. इसी बैठक में कतर के अफरोज खान ने कहा कि खाड़ी देशों में बसे प्रवासी भारतीय बीजेपी की धार्मिक राजनीति से पीड़ित हैं. इसलिए धर्म को बढ़ावा देने वाले राजनीतिक दलों को अब दफनाने का समय आ गया है.

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