क्या CM सोरेन समेत 20 नेता बचा पाएंगे विरासत की सियासत? कल EVM में कैद हो जाएगी किस्मत
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2521533

क्या CM सोरेन समेत 20 नेता बचा पाएंगे विरासत की सियासत? कल EVM में कैद हो जाएगी किस्मत

Jharkhand Phase 2 Voting: झारखंड में पहले चरण का मतदान पूरा हो चुका है. वहीं दूसरे चरण के लिए कल यानी 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होगा. इस बीच 20 सीटों पर राजनीतिक विरासत बचाने की लड़ाई है.

क्या CM सोरेन समेत 20 नेता बचा पाएंगे विरासत की सियासत? कल EVM में कैद हो जाएगी किस्मत

Jharkhand Phase 2 Voting: झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में 38 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है. इन 38 सीटों में से 20 सीटों पर सियासी विरासत बचाने की लड़ाई है. इन सीटों पर अपने दौर के कद्दावर नेताओं के बेटा, बेटी, बीवी, भाई और बहू चुनावी अखाड़े में ताकत दिखा रहे हैं.

रामगढ़ सीट पर आजसू पार्टी की कैंडिडेट और सीटिंग विधायक सुनीता चौधरी गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की बीवी हैं. इस सीट से पूर्व में चंद्रप्रकाश चौधरी भी कई बार विधायक रह चुके हैं. सुनीता चौधरी का मुकाबला कांग्रेस की ममता देवी और जेएलकेएम के पुनेश्वर कुमार से है.

मंत्री हफीजुल हसन का किस्मत हो जाएगा EVM में कैद
मांडू सीट पर निवर्तमान विधायक और कांग्रेस के कैंडिडेट जयप्रकाश भाई पटेल के पिताजी टेकलाल महतो (अब दिवंगत) यहां से चार बार विधायक रह चुके थे. जयप्रकाश पटेल का मुकाबला आजसू के कैंडिडेट तिवारी महतो से है. मधुपुर सीट पर हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री हफीजुल हसन झामुमो के कैंडिडेट हैं. उनके पिता हाजी हुसैन अंसारी यहां से कई बार विधायक चुने गए थे. उनके निधन के बाद हफीजुल उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार उन्हें भाजपा के गंगा नारायण सिंह से चुनौती मिल रही है.

क्या अपनी सीट जीतने में कामयाब होंगी बहू 
दुमका सीट पर झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के छोटे पुत्र और सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन झामुमो के कैंडिडेट हैं, जिनका मुकाबला दुमका के पूर्व सांसद और बीजेपी कैंडिडेट सुनील सोरेन से है. जामताड़ा में पूर्व सांसद और विधायक फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी कांग्रेस के कैंडिडेट हैं, जिन्हें शिबू सोरेन की बड़ी बहू बीजेपी की सीता सोरेन कड़ी टक्कर दे रही हैं. 

गोड्डा में भाजपा ने सीटिंग विधायक अमित मंडल को फिर से कैंडिडेट बनाया है. उनके पिता रघुनंदन मंडल भी इस सीट से विधायक रहे थे. उनका मुकाबला राजद के संजय यादव से है. पाकुड़ में कांग्रेस ने हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे और फिलहाल जेल में बंद आलमगीर आलम की बीवी निशात आलम को कैंडिडेट बनाया है. उनका मुकाबला आजसू पार्टी के अजहर इस्लाम से है.

सीएम हेमंत सोरेन का किस्मत होगा कैद
बरहेट में सीएम हेमंत सोरेन तीसरी बार झामुमो के कैंडिडेट हैं. सभी जानते हैं कि वह झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन की विरासत के सबसे बड़े झंडाबरदार हैं. महागामा में कांग्रेस की प्रत्याशी और हेमंत सरकार में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह पूर्व में इस क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार दीपिका का मुकाबला बीजेपी के अशोक भगत से है.

बेटे पर है विरासत संभालने की जिम्मेदारी
शिकारीपाड़ा सीट से लगातार सात बार जीत दर्ज करने वाले झामुमो के नलिन सोरेन इसी साल दुमका से सांसद चुने गए हैं. इस सीट पर उनकी विरासत संभालने के लिए झामुमो ने उनके बेटे आलोक सोरेन को कैंडिडेट बनाया है. यहां बीजेपी के परितोष सोरेन के साथ उनकी सीधी टक्कर है. झरिया सीट पर एक ही सियासी घराने की दो बहुओं के बीच टक्कर है. कांग्रेस ने फिर से धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह को कैंडिडेट बनाया है, जबकि बीजेपी ने पूर्व विधायक संजीव सिंह की बीवी रागिनी सिंह को उनके मुकाबले मैदान में उतारा है.

 चुनावी मैदान में हैं बीजेपी सांसद के भाई
बाघमारा सीट पर बीजेपी ने धनबाद सीट से सांसद चुने गए ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो को कैंडिडेट बनाया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस के कैंडिडेट जलेश्वर महतो से है. निरसा सीट पर सीटिंग विधायक अपर्णा सेनगुप्ता एक बार फिर बीजेपी की कैंडिडेट हैं. उनके शौहर सुब्रत सेन गुप्ता इस सीट से फॉरवर्ड ब्लॉक से चुनाव लड़ते थे. उनकी हत्या के बाद हुए चुनाव में अपर्णा पहली बार विधायक बनीं थीं. इस बार उनका मुकाबला पूर्व विधायक सीपीआई एमएल की कैंडिडेट अरूप चटर्जी से है, जिनके पिता गुरुदास चटर्जी यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं.

क्या विधायक की बीवी बचा पाएंगी विरासत
सिंदरी में बीजेपी ने मौजूदा विधायक इंद्रजीत महतो के अस्वस्थ रहने की वजह से उनकी बीवी तारा देवी को मैदान में उतारा है. उन्हें टक्कर दे रहे सीपीआई एमएल के कैंडिडेट चंद्रदेव महतो पूर्व विधायक आनंद महतो के बेटे हैं. बगोदर में सीटिंग विधायक विनोद सिंह सीपीआई एमएल के कैंडिडेट हैं. उनके पिता महेंद्र सिंह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके थे. उनकी हत्या के बाद विनोद सिंह पहली बार विधायक चुने गए थे. इस सीट पर उन्हें बीजेपी के नागेंद्र महतो सीधी चुनौती दे रहे हैं.

बीजेपी विधायक का दांव पर साख
जमुआ सीट पर भाजपा ने मंजू देवी को उतारा है, जिनके पिता सुकर रविदास इस सीट से विधायक रह चुके हैं. इस बार मंजू देवी का मुकाबला झामुमो के केदार हाजरा से है. गांडेय सीट पर सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन मुर्मू झामुमो की कैंडिडेट हैं, जिन्हें बीजेपी की कैंडिडेट मुनिया देवी से टक्कर मिल रही है. बोकारो में कांग्रेस ने श्वेता सिंह को उतारा है, जो यहां से कई बार विधायक रहे स्व. समरेश सिंह की बहू हैं.

जगन्नाथ महतो की बीवी का किससे है मुकाबला
डुमरी में झामुमो ने इस बार फिर से बेबी देवी को उतारा है. वह हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे दिवंगत जगन्नाथ महतो की बीवी हैं. शौहर की मौत के बाद हुए उपचुनाव में वह विधायक चुनी गई थीं. इस सीट पर उन्हें चुनौती दे रही आजसू पार्टी की यशोदा देवी के पति स्व. दामोदर महतो भी इस सीट से कई बार चुनाव लड़ चुके थे. हालांकि, वह कभी चुनाव जीत नहीं पाए थे. बेबी देवी को जेएलकेएम के प्रत्याशी जयराम महतो से भी चुनौती मिल रही है.

कांग्रेस कैंडिडेट के किस्मत का कल होगा फैसला
बेरमो सीट पर कांग्रेस ने अनूप सिंह को कैंडिडेट बनाया है, उनके पिता राजेंद्र सिंह इस सीट से कई बार विधायक चुने गए थे. अनूप सिंह भी पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विधायक चुने गए थे. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के रवींद्रनाथ पांडेय से है. रवींद्रनाथ पांडेय के पिता दिवंगत कृष्ण मुरारी पांडेय की गिनती क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेस नेताओं में होती थी.

Trending news