Covid के बाद अब H3N2 से निपटने की तैयारी; नीति आयोग की मीटिंग, इन बातों का रखें ख़्याल
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Covid के बाद अब H3N2 से निपटने की तैयारी; नीति आयोग की मीटिंग, इन बातों का रखें ख़्याल

Influenza H3N2: देश में कोरोना के मरीज़ों की तादाद कम होने के बाद अब H3N2 वायरस का ख़तरा लोगों को सता रहा है. नीति आयोग ने वायरस से बचने के लिए कोरोना जैसे नियमों पर अमल करने की हिदायात दी हैं. साथ ही लोगों से कहा है कि वो जागरुक रहें.

 

Covid के बाद अब  H3N2 से निपटने की तैयारी; नीति आयोग की मीटिंग, इन बातों का रखें ख़्याल

H3N2 Virus: पूरे देश में एच3एन2  का वायरस तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है. इस बीच नीति आयोग ने इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए एक्शन टास्क फोर्स बनाने को लेकर एक अहम मीटिंग की. आयोग की मीटिंग में राज्यों को वायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी, मैन पावर, दवाएं, मेडिकल ऑक्सीजन समेत ज़रूरी सामान को रखने के लिए कहा गया है. आयोग ने इस बात पर ज़ोर दिया गया कि वायरस से निपटने के लिए सबसे पहले अवाम को जागरुक करने की ज़रूरत है. लोगों की जागरुकता ही इसका मात्र विकल्प है.

कोरोना जैसे नियमों पर अमल करने की ज़रूरत
नीति आयोग की मीटिंग में इस बात पर ग़ौर किया गया कि जनता को बेदार करने के लिए ठोस क़दम उठाए जाएंगे. नीति आयोग ने इन्फ्लूएंज़ा वायरस से बचाव के लिए कोरोना जैसे नियमों पर अमल करने का हिदायात दी हैं. इस सिलसिले में राज्यों को भी ज़रूरी हिदायात जारी कर दी जाएंगी. आयोग ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर अवाम को इस वायरस से एहतियात बरतने की सलाह दी है. आयोग ने लोगों से अपील की है इस वायरस से बचने के लिए नाक-मुंह को ढंक कर रखें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और वायरस के लक्षण पाए जाने पर फौरी तौर पर जांच कराएं.

वायरस से दो मौतें
मौसमी इंफ्लूएंजा की वजह से देश में दो लोगों की जान जा चुकी हैं.  कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक मौत दर्ज की गई है. केंद्र ने एच3एन2 के बढ़ते मामलों के बीच कुछ राज्यों में कोविड में क्रमिक वृद्धि पर चिंता जताई है.
ओडिशा में दो महीनों में एच3एन2 इंफ्लुएंज़ा के 59 मामले सामने आये हैं. ओडिशा में जनवरी और फरवरी में एकत्र किए गए 225 नमूनों में से 59 में इंफ्लुएंजा एच3एन2 का वायरस पाया गया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. बता दें कि इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं. इसमें बुख़ार, खांसी और बलग़म समेत सांस लेने में परेशानी होती है. इसके अलावा कुछ मरीज़ो को जिस्म में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त समेत अन्य समस्याएं का भी सामना करना पड़ता है.

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