भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद को रविवार को खेल की विश्व शासी निकाय अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) का उपाध्यक्ष चुन लिया गया है. जबकि मौजूदा अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच (Arkady Dvorkovich) को दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया.
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भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद को रविवार को खेल की विश्व शासी निकाय अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) का उपाध्यक्ष चुन लिया गया है. जबकि मौजूदा अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच (Arkady Dvorkovich) को दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया.
पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ड्वोरकोविच की टीम का हिस्सा थे. ड्वोरकोविच को कुल 157 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी एंड्री बेरीशपोलेट्स (Andrii Baryshpolets) को महज 16 वोट मिले. वोट में एक मत अमान्य हुआ जबकि वोटिंग में हिस्सा लेने वाले 5 लोग गैर हाजिर रहे.
विश्व शतरंज निकाय के चुनाव FIDE कांग्रेस के दौरान हुए जो 44 वें शतरंज ओलंपियाड के दौरान आयोजित किया जा रहा है.
बताया जाता है कि चुनावों से पहले वोर्कोविच आनंद को अपनी टीम में रखना चाहते थे. आर्केडी वोर्कोविच ने उस वक्त कहा था कि "मुझे वास्तव में गर्व है कि आनंद उपाध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं. वह एक महान व्यक्ति हैं. वह लंबे समय से मेरे मित्र हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय दिग्गज विश्वनाथन आनंद दुनिया भर में बेहद लोकप्रिय हैं."
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आनंद भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी हैं. उन्होंने पांच बार विश्व शतरंज प्रतियोगिता जीती है. सबसे खास बात यह है कि निर्विवाद विजेता रहे हैं. विश्वनाथन आनंद साल 2003 में फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप में विजेता बने. वह अपने वक्त के ड्रीड खिलाड़ी माने जाते हैं. आनंद साल 1988 में भारत के ग्रांडमास्टर बने. आनंद को ही सबसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2007 में आनंद को भारत का द्वितीय सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया. आनंद ने तीन बार शतरंज ऑस्कर पुरस्कार जीता.
आनंद उन 6 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप दर्ज़ा सूची में 2700 अंक को तोड़ा है. साल 2007 में जब आनंद 37 साल के हुए तो वह पहली दफा दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बने.
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