Vikram-S Launching: इसरो ने लॉन्च किया देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस; जानिए ,क्या है ख़ासियत
Advertisement

Vikram-S Launching: इसरो ने लॉन्च किया देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस; जानिए ,क्या है ख़ासियत

Indian Space Research Organisation: इसरो ने एक बार फिर इतिहास लिख दियाहै. आज इसरो ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च कर दिया है. 

Vikram-S Launching: इसरो ने लॉन्च किया देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस; जानिए ,क्या है ख़ासियत

Indian Space Research Organisation: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नया इतिहास लिख दिया है. आज इसरो ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च कर दिया है. इस रॉकेट की लॉन्चिंग आज 11.30 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में हुई. ये भारतीयों के लिए फख्र का लम्हा है. पहले रॉकेट की लॉन्चिंग 15 नवंबर को होने थी लेकिन ख़राब मौसम की वजह से लॉन्चिंग के लिए 18 नवंबर का दिन चुना गया. इस रॉकेट को हैदराबाद की एक स्टार्ट-अप कंपनी 'स्काईरूट एयरोस्पेस' ने तैयार किया है.

विक्रम-एस की लॉन्चिंग
'स्काईरूट एयरोस्पेस'  देश की पहली प्राइवेट सेक्टर की कंपनी बन गयी है, जो 2020 में सेंट्रल गवर्नर के ज़रिए स्पेस इंडस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाने के बाद भारतीय स्पेस प्रोग्राम में एंट्री कर रही है. 'विक्रम-एस' रॉकेट को आज सुबह तक़रीबन 11:30 पर लॉन्च किया जाएगा. इससे पहले इसे 15 नवंबर को लॉन्च करने की प्लानिंग थी. सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद 'विक्रम-एस' 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा. रॉकेट का नाम इंडियन स्पेस प्रोग्राम के जनक और दिवंगत साइंटिस्ट विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है.

यह भी पढ़ें: केरल में मुस्लिम एमएलए ने किया मंदिर का उद्घाटन; बोले- 'यह मेरी ज़िंदगी का अनमोल लम्हा'

विक्रम-एस लॉन्च क्यों है ख़ास?
प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च में कई मायनों नें ख़ास है. इसका वज़न तक़रीबन 545 किग्रा है. साथ ही रॉकेट समंदर में गिरने से पहले 101 किमी की धरती से आसमान की तक ऊंचाई हासिल करने की सलाहियत रखता है. इस पूरे अमल को पूरा करने में रॉकेट को 300 सेकेंड का वक़्त लगेगा. इसके अलावा इस का शुमार दुनिया के उन 6 मीटर लंबे रॉकेट्स में होता है जिसमें घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक शामिल हैं. विक्रम-एस में  तीन पेलोड्स भी भेजे जाएंगे. जिसमें आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक, चेन्नई के स्टार्टअप स्पेस किड्ज और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च के पेलोड्स शामिल हैं. इसमें से दो घरेलू और एक विदेशी है.

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के चीफ़ पवन गोयनका ने कहा, "यह भारत में निजी क्षेत्र के लिए बड़ी छलांग है. स्काईरूट को रॉकेट के लॉन्च के लिए ऑथोराइज़ की जाने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने पर बधाई'. वहीं वज़ीर जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत इसरो के दिशानिर्देशों के तहत श्रीहरिकोटा से 'स्काईरूट एयरोस्पेस' द्वारा विकसित पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करके इतिहास रचने के लिए तैयार है.

 

Watch Live TV

Trending news