बिहार के भागलपुर और किशनगंज में कांग्रेस और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं के घर से वाहन चोरी हो गए हैं, जिसके बाद से राज्य में कानून और व्यवस्था पर बडे़ सवाल खड़े हो गए हैं कि जब नेता का परिवार ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा ?
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नई दिल्लीः 2020 क्राइम रिकार्ड की माने तो बिहार में अपराध के मामले पहले से काफी कम हुए हैं और अपराध के मामलों में बिहार देश में 25वें नंबर पर आ गया हैं. लेकिन हाल ही में राजधानी पटना में हुए घटनाओं की बात करें तो रिकॉर्ड कुछ और ही कह रहा है. चौंका देने वाली बात ये है कि पहले तो बिहार में अपराध से ज्यादातर आम लोग परेशान थे, पर अब खास लोग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. बिहार के सत्ताधारी नेताओं को भी चोरी और छिनतई का डर सताने लगा है.
बिहार के भागलपुर में बुधवार को कांग्रेस नेता अजीत शर्मा के घर के बाहर खड़ी बाइक और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के किशनगंज अध्यक्ष शाहजहां के घर के बाहर खड़ा ट्रैक्टर चोरी हो गया. इस वक्त कांग्रेस और हम राज्य में महागठबंधन सरकार में सहयोगी है. चोरी की ये दोनों वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.
गौरतलब है कि भागलपुर में अजीत शर्मा के घर के बाहर एक बाइक खड़ी थी. उनका घर शहर के पॉश इलाके में है. इसके बावजूद सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, हेलमेट पहने एक शख्स वहां आया और उनकी बाइक चोरी कर ले गया. वहीं, किशनगंज में हम जिलाध्यक्ष शाहजहां के करीबी माने जाने वाले राशिद नाम के शख्स ने अपना ट्रैक्टर घर के बाहर खड़ा कर दिया था, जिसे चोरों ने चुरा लिया. शाहजहाँ ने कहा, “हमें घटना के बारे में गुरुवार को सुबह में पता चला, जब हमने सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया, तो एक व्यक्ति ट्रैक्टर ले जाता हुआ दिखाई दिया. हमने सीसीटीवी फुटेज के साथ किशनगंज जिले के सदर पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत भी जमा कर दी है.“
गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार आने के बाद से एक बार फिर बिहार में अपराध के आंकड़े में वृद्धि हो गई है. विपक्ष इसके लिए राजद और उसके सहयोगी दलों को जिम्मेदार बता रहा है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और एक बार फिर बिहार में जंगलराज कायम हो गया है.
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