Snake Bite: सांप न काटे इसके लिए अपनाएं ये उपाय; काले कपड़े से चिढ़ता है सांप
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Snake Bite: सांप न काटे इसके लिए अपनाएं ये उपाय; काले कपड़े से चिढ़ता है सांप

Snake Bite: सांप इंसानों के डर से छुपकर रहने वाला जीव है. इसके बावजूद वह इंसानों को काट लेता है और इस वजह से देश में हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है.. हम उन उपायों की चर्चा कर रहे हैं, जिससे सर्पदंश से बचा जा सकता है. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः भारत में गर्मी और बरसात में सांप काटने की समस्या अचानक बढ़ जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सांप कांटने की लगभग 95 फिसदी समस्या गांवों में होती है और जानकारी के अभाव में हर साल हजारों लोग सर्पदंश से मर जाते हैं. सर्प दंश से बचने के लिए कोई दुआ, तावीज या जड़ी-बूटी अबतक दुनिया में नहीं बनी है, लेकिन कुछ एहतियात बरतकर सांप के काटने से बचा जा सकता है. यहां हम उन एहतियातों पर एक-एक कर संक्षेप में चर्चा करेंगे. 

सांप धमकी दे तो हो जाएं सावधान 
सांप एक बेहद शर्मीला जीव होता है और वह इंसानों के सामने नहीं आना चाहता है. लेकिन छेड़ने पर वह अपनी जान बचाने के लिए सामने वाले पर हमला करता है. अगर वह फन फैलाकर, अंग्रेजी के एस या डब्लू जैसा आकर बनाकर धमकी देने के मुद्रा में आता है, तो उससे दूर और सावधान हो जाना चाहिए. सांफ फुफकारे तो भी सावधान हो जाए.. वह सेकंड से भी कम समय में इंसान को डस सकता है. 

काले कपड़े से चिढ़ता है सांप 
सांप इंसानों से उलझना नहीं चाहता है. जबतक आप उसे नहीं छेड़ेंगे वह आपको कुछ नहीं कहेगा. इसलिए सांप को कभी भी उकसाने या छेड़ने का काम न करें. सांपों को काले रंग से छिड़ होती है. उसके सामने किसी काले कपड़े, टोपी या किसी अन्य चीज का प्रदर्शन न करें. इससे वह आपको काट सकता है. सामने सांप हो तो हिलना-डुलना बंद कर दें, क्योंकि सांप को हिलती चीजों से सख्त नफरत है. 

रात में पर्याप्त रौशनी का इंतजाम लेकर चले 
देर शाम या रात को अगर घर से बाहर निकलना हो तो टॉर्च, मोबाइल या लालटेन लेकर निकले.. जंगल-झाड़ वाले रास्तों के बजाए साफ-सुथरे रास्तों का चुनाव करें. जंगल, खेत, खलिहान, गौशाला, घास के मैदान में अनावश्यक बिना रौशनी के न जाएं. अधिकतर सांप निशाचर प्राणी होते हैं. अंधेरा होते ही वह भोजन की तलाश में अपने बिलों से निकलते हैं. भारत के तीन विशैले सांप करैत, काबेरा और रसेल वाइपर इसी श्रेणी में आते हैं. अंधेरे में इंसानों से उनका मुठभेड़ हो जाता है और वह उसे अपना शिकार या हमलावर समझकर काट लेता है. भारत में अधिकतर सर्पदंश की घटनाएं शाम 5 बजे से रात के 10 बजे के बीच होती है. लगभग 40 फीसदी सर्पदंश की घटनाएं शात 7 से 8 बजे के बीच होती है.  

रात में इन जगहों पर रहें सावधान!
रात में घरों के टायलेट, बाथरूम या किचन में बिना लाइट के न जाए, क्योंकि घरों के अंदर सांपों का ये सबसे पसंदीदा जगह माना जाता है. चूहे, छिपकली, मेढक से सांप के पंसदीदा आहार होते हैं और इसी की शिकार में वह इंसानों के घरों में आ जाते हैं और वहां रहने लगते हैं. नमी वाली जगहों पर भी सांप को रहना बेहद पसंद है, जहां खाने के साथ पानी का भी इंतजाम हो.. करैत को घरों की नाली और बिस्तर में घुसकर रहना भी काफी पसंद है... इसलिए हमेशा बिस्तर झाड़कर सोना चाहिए.... 

बच्चों पर रखे खास ध्यान 
बच्चे सांप के आसान शिकार बनते हैं. सर्पदंश से मरने वालों में 30 फीसदी संख्या बच्चों की होती है.. 3 से 17 सालों के किशोर इसकी चपेट में आ जाते हैं.. इसकी वजह है कि बच्चे काफी चचंल होते हैं. अक्सर वह देखकर नहीं चलते हैं और अनजाने में सांप पर पांव पड़ने पर सर्पदंश के शिकार हो जाते हैं.. छाटे बच्चे बता भी नहीं पाते हैं कि उन्हें किस जीव ने काटा है और इस तरह जहरीले सांपों के काटने पर उनकी मौत हो जाती है.. इसलिए बच्चों पर खास ध्यान रखने की जरूरत होती है.

जहां न जाए नजर, वहां न डाले हाथ और पांव 
अगर करैत को छोड़ दिया जाए, जो रात में सोते हुए इंसान को काट लेता है, तो दुनिया में ऐसा कोई केस नहीं मिला है कि किसी सांप ने इंसान को बिना किसी बात के दौड़ाकर काट लिया हो..सांप इंसान को शिकार होने की गलतफहमी में या फिर अपनी प्राण रक्षा में काटता है. इसलिए सर्पदंश से बचने का गोल्डेन रूल है कि जहां आपकी नजर न जाए वहां हाथ और पांव भी न ले जाएं.. जीवन में कभी सांप नहीं काटेगा... सर्पदंश की 67 फीसदी घटनाएं इंसान के पांव की उंगलियां में होता है.. उसके बाद हाथ की उंगलियों में. इसलिए गांवों में खेत-खलिहानों में काम के वक्त जूते का इस्तेमाल करें. जहां कहीं सांप होने की संभावना हो वहां उंगली और हाथ डालने से पहले सोच-विचार कर लें. 

बरसात में जमीन पर न सोएं 
गर्मी और बरसात के दिनों में गांवों में और ग्रांउड फलोर पर जमीन पर सोने से परहेज करें..भारत में सर्पदंश की 50 फीसदी घटनाएं जून से सितंबर के बीच होती है. उत्तर बिहार में यह आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुंच जाता है. कैरत अक्सर रात में जमीन पर सोए हुए इंसान को नींद में काट लेता है.. उसके काटने का इंसान को पता भी नहीं चलता है और सुबह इंसान मरा हुआ पाया जाता है..कोबरा भी सबसे ज्यादा इसी सीजन में काटता है. सांप संभावित इलाकों में बिस्तर पर भी मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए.. यह सांप काटने की संभावना को कम का देता है.

घरों को न बनने दें सांप का घर 
सांप एक जंगली जीव है, लेकिन विश्व स्वस्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक सर्पदंश की 60 फीसदी घटनाएं घरों में होती है. 99 फीसदी मामलों में कैरत इंसानों को उसके घरों में काटता है.. सांप भोजन की तलाश में इंसानों के घर में आ जाते हैं..इसलिए घर में सांप के आने और रहने की परिस्थितियां न बने इसकी समय-समय पर जांच करते रहें..

नोटः ये जानकारी सांप विशेषज्ञ सुनील कुमार सिंक्रेटिक की किताब 'समथिंग सर्पिला' के तथ्यों पर आधारित है.

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