पाक पर फिर से कस सकता है FTF का शिकंजा; आखिर सुन्नी कट्टरपंथी क्यों कर रहे हैं सेना का समर्थन
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पाक पर फिर से कस सकता है FTF का शिकंजा; आखिर सुन्नी कट्टरपंथी क्यों कर रहे हैं सेना का समर्थन

New Delhi: अंतराष्ट्रिय दबाव के कारण पाकिस्तान ने  कट्टरपंथी सुन्नी समूह को प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि फिर से FTF द्वारा पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा सकता है. जिसके कारण पाकिस्तान के आवाम में भय का माहौल है.

पाक पर फिर से कस सकता है FTF का शिकंजा; आखिर सुन्नी कट्टरपंथी क्यों कर रहे हैं सेना का समर्थन

New Delhi: अंतराष्ट्रिय दबाव के कारण पाकिस्तान ने  कट्टरपंथी सुन्नी समूह को प्रतिबंधित कर दिया है. जिसके कारण लोगों ने कराची में मुख्य शहराह-ए-फैसल सड़क पर बड़े पैमाने पर उतर गए . जिससे पाकिस्तान के वासियों में डर पैदा हो गया कि देश फिर से वैश्विक प्रहरी द्वारा काली सूची का सामना कर सकता है. 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( Financial Action Task Force ) ने पिछले साल के आखिर में ही पाकिस्तान को चरमपंथी संगठनों को आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले और आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया था. 

आपको बता दें कि सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान जिसे एसएसपी के नाम से भी जाना जाता है.और जिसे शिया अल्पसंख्यकों के खिलाफ आतंकी हमलों से जोड़ा गया है. कहा जाता है कि सेना के पक्ष में एसएसपी की रैली संकटग्रस्त सेना के लिए एक बड़ी राहत थी. जिसने अपने कुछ कमांडरों और संपत्तियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा देखी थी.जिनमें से कई शक्ति शाली के प्रतीक भी हैं और अर्धसैनिक बलों और रेंजरों ने प्रोटोकॉल प्रदान किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से इमरान खान को गिरफ्तार करने का काम सौंपा था. उन्हें एसएसपी के समर्थन मार्च की सुविधा देते देखा गया.जिसका नेतृत्व नेता अहमद लुध्यानवी कर रहे थे. 

मंत्री भुट्टो का मौन समर्थन
एसएसपी द्वारा सत्ता के सार्वजनिक प्रदर्शन को सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) द्वारा सेना के लिए मौन समर्थन के रूप में भी देखा जाता है. जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ( Bilawal Bhutto Jardari ) कर रहे हैं. जो अब इमरान खान और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

JSFM के महासचिव ने लगाया ये आरोप
हालांकि, पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची में रैली ने अल्पसंख्यक शिया समुदाय के बीच भय पैदा कर दिया है. जिसे एसएसपी द्वारा एक शातिर अभियान में निशाना बनाया गया है.जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (JSFM / JAI SINDH FREEDOM MOVEMENT ) के केंद्रीय महासचिव गुलाम हुसैन शबरानी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सैन्य खुफिया जानकारी सिंध में प्रतिबंधित इस्लामी संगठन का आयोजन कर रही है. और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी अपील की कि वो सिंधी की आजादी की लड़ाई का समर्थन करें.

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पहले इस नाम से जाना जाता था एसएसपी
आपको ये बता दें कि एसएसपी को पहले पाकिस्तान के पंजाब में गठन किया गया था तब सामंती जमींदारों द्वारा इसके गठन के समय अंजुमन सिपह-ए-सहाबा नाम रखा था. इस संगठन ने प्रमुख शिया नेताओं की और हत्या करके तथा मंदिरों और धार्मिक जुलूसों पर बमबारी करके सैकड़ों शियाओं को मारने का अभियान भी चलाया. एसएसपी ने बताया कि वह पाकिस्तान को सुन्नी राज्य घोषित करना चाहता है.  और आतंकवाद पर अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में शामिल होने के पाकिस्तान के फैसले का भी विरोध करता है.

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