EPFO News: हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन स्कीम के लिए नया सर्कुलर जारी किया गया है. जिसके मुताबिक अंशधारकों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त योगदान या बकाया देने को लेकर अपनी राय जाहिर करने के लिये तीन महीने का वक्त दिया जाएगा.
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EPFO Latest Circular: हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन स्कीम के लिए नया सर्कुलर जारी किया गया है. जिसके मुताबिक अंशधारकों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त योगदान या बकाया देने को लेकर अपनी राय जाहिर करने के लिये तीन महीने का वक्त दिया जाएगा. एक सर्कुलर जारी करके इस बात की जानकारी दी गई है. इससे पहले, बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अंशधारकों को हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिये चार महीने का वक्त देने की बात कही थी.
26 जून, 2023 तक बढ़ाई गई डेडलाइन
EPFO ने अंशधारकों को हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने के लिये नियोक्ताओं के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म भरने के लिये ऑनलाइन सहूलत मुहय्या कराई है. इसके लिये तयशुदा वक्त पहले तीन मई, 2023 था, जिसे अब बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दिया गया है. अभी इस बात को लेकर ये साफ नहीं है कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने पर कैसे अतिरिक्त योगदान का विकल्प काम करेगा और भुगतान करने का तरीका क्या होगा. लोगों को अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि बहुत ज्यादा रकम मांगे जाने की स्थिति में उन्हें हायर पेंशन स्कीम से बाहर होने का ऑप्शन मिलेगा या नहीं.
राय जाहिर करने के लिए 3 माह का समय
सर्कुलर में साफ तौर पर कहा गया है कि अतिरिक्त राशि का निर्धारण क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे. जो भी रकम निर्धारित होगी सूद समेत उसके बारे में सूचना हायर पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि पेंशनर्स/सदस्यों को पैसा जमा करने और फंड के अंतरण के लिये अपनी राय जाहिर करने को लेकर तीन महीने तक का वक्त दिया जाएगा. ईपीएफओ के इलाकाई ऑफिसर पेंशनभोगियों या सदस्यों को हायर पेंशन के लिये एडिशनल फंड के भुगतान की जरूरत के बारे में जानकारी देंगे.
कंपनी की ओर से योगदान
गौर तलब है कि इस महीने की शुरुआत में लेबर मिनिस्ट्री ने साफ किया था कि हायर पेंशन का विकल्प चुनने वालों के मूल वेतन का 1.16 फीसद अतिरिक्त योगदान ईपीएफओ की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में नियोक्ता के योगदान से लिया जाएगा. फिलहाल सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में 15,000 रुपये के मूल वेतन की सीमा पर 1.16 फीसद का योगदान सब्सिडी के तौर पर देती है. कर्मचारी ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा स्कीम में 12 फीसद का योगदान करते हैं. वहीं नियोक्ता के 12 फीसद योगदान में से 8.33 फीसद ईपीएस में जाता है, जबकि बाकी 3.67 फीसद कर्मचारी भविष्य निधि में जाता है.
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