अलीगढ मुस्लिम़ यूनिवर्सिटी की मैगजीन में मोदी की तस्वीर पर बवाल; छात्रों ने लगाए ये आरोप
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अलीगढ मुस्लिम़ यूनिवर्सिटी की मैगजीन में मोदी की तस्वीर पर बवाल; छात्रों ने लगाए ये आरोप

PM Modi photos on AMU magazine:  छात्रों ने दावा किया है कि कुलपति ने एक पार्टी विशेष को खुश करने के लिए मैगजीन के स्टैंडर्ड से समझौता किया है और इसमें झूठे तथ्य प्रकाशित कराए हैं. 

 

अलामती तस्वीर

अलीगढ़ः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय की एक मैगजीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपने से बवाल हो गया है. छात्रों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है, और विश्वविद्यालय के वायस चांसलर पर मोदी भक्ति का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि यह मैगजीन पिछले 150 वर्ष से लगातर छप रही है, जिसमें एएमयू की उपलब्धियां बताई जाती है. छात्रों ने कहा है कि इस मैगजीन में 12 जगहों में मोदी की तस्वीर छापी गई है, जो झूठ का पुलिंदा के सिवा और कुछ नहीं है. छात्रों ने कहा है कि ऐसा किसी पार्टी को खुश करने के लिए किया गया है. 

मैगजीन न लाब्रेरी में है और न इसका वेब एडिशन उपलब्ध है 
गौरतलब है कि मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी. उन्होंने 1866 में एएमयू से एक मैगजीन का प्रकाशन शुरू किया था, जो देश की पहली बहुभाषी पत्रिका कही जा सकती है. इस मैगजीन का कोरोना टीकाकरण पर आधारित विशेषांक जुलाई 2022 में प्रकाशित किया गया है. इसे कुलपति प्रो. तारिक मंसूर द्वारा लॉन्च किया गया था. मैगजीन एएमयू की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है और न ही लाइब्रेरी में उपलब्ध है. 

कुलपति ने अपने बारे में किया झूठा दावा 
10 नवंबर 2020 को एएमयू में कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. उद्घाटन के मौके पर एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने पहला रजिस्ट्रेशन कराया. कुलपति के चिकित्सा इतिहास के एक अध्ययन से पता चला कि उन्हें कुछ दिन पहले इन्फ्लूएंजा का टीका दिया गया था, जो उन्हें सालाना दिया जाता है. इसलिए वे टीके के परीक्षण के मापदंडों से बाहर हो गए और इसलिए उन्हें परीक्षण में शामिल नहीं किया जा सका. इसके बावजूद मैगजीन में वाइस चांसलर का वैक्सीन ट्रायल में नाम है, इस पर भी छात्रों को आपत्ति है. 

छात्रों ने इन मुद्दों पर आपत्तियां दर्ज कराई है  
1. एएमयू मोनोग्राम से ’’इल्म इंसान मालम येल’’ क्यों गायब है ? 
2. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 12 तस्वीरों की तुलना में सर सैयद अहमद खान की सिर्फ एक तस्वीर क्यों है ?
3. कोरोना महामारी के दौरान विश्वविद्यालय के टीचिंग और नॉन टीचिंग कर्मचारियों की मौत का इसमें जिक्र ही नहीं है?
4. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, केंद्रों, प्रकाशन विभाग, बाजार, जनसंपर्क विभाग में राजपत्र की अनुपलब्धता जो विश्वविद्यालय की वेबसाइट सहित राजपत्र प्रकाशित करता है?
5. एएमयू गज़ट में दिखाए जाने वाले कोविड टीकाकरण परीक्षण के पहले स्वयंसेवी कुलपति के होने के दावों पर भी छात्रों ने आपत्ति दर्ज की है. 

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