Congress veteran AK Antony son Anil Antony Joins BJP: कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने न सिर्फ कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर लिया है बल्कि उन्होंने कांग्रेस पर तंज भी कसा है और कांग्रेस नेताओं का पाखंडी बताया है.
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नई दिल्लीः कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा के पहले कांग्रेस का दुख बढ़ता ही जा रहा है. कर्नाटक में कई पुराने कांग्रेसी ने पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं. वहीं, गुरुवार को कांग्रेस को एक और झटका देते हुए, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है.
अनिल एंटनी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की मौजूदगी में भाजपा की विधिवत तौर पर सदस्यता लेकर पार्टी में शामिल हो गए. इस मौके पर केरल भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन और पार्टी के वरिष्ठ नेता तरुण चुग और अनिल बलूनी भी मौजूद थे. अनिल एंटनी ने भाजपा में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया.
इससे पहले अनिल एंटनी केरल कांग्रेस सोशल मीडिया टीम के समन्वयक थे और जनवरी में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी पदों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. 2002 के गुजरात दंगों और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की वृत्तचित्र पर विवाद के बाद उन्होंने ये फैसला लिया था.
अनिल एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी. एंटनी ने बीबीसी पर निशाना साधते हुए कहा था, "भारत के खिलाफ पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास वाला यह एक एक राज्य प्रायोजित चैनल है.’’ उन्होंने कहा था, "भाजपा के साथ मतभेदों के बावजूद, मुझे लगता है कि भारत में जो लोग बीबीसी के विचारों को रखते हैं, वह ब्रिटेन के एक राज्य-प्रायोजित चैनल के पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास से वाकिफ नहीं है. भारतीय संस्थानों पर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहा है, यह हमारी संप्रभुता को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है.’’ एंटनी ने इल्जाम लगाया था कि उन्हें एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से धमकी भरे कॉल और नफरत भरे संदेश मिल रहे हैं.
ट्विटर पर अपने इस्तीफे के बारे में पोस्ट करते हुए, एंटनी ने यह कहकर कांग्रेस पार्टी का मज़ाक उड़ाया है कि उन्हें “अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए लड़ने“ वाले ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल मिले हैं. उन्होंने लिखा, “मैंने कांग्रेस और केरला कांग्रेस में अपनी सभी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है. बोलने की आज़ादी के लिए लड़ने वालों ने हमारे एक ट्वीट को बर्दाश्त नहीं किसा. यह पाखंड है. 2024 के लोकसभा चुनाव से एक साल पहले आता है, इस तरह कांग्रेस के किसी पूराने नेता का साथ छोड़ जाना पार्टी के लिए दुखदायी साबित होगा.
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