Asaduddin Owaisi on CAA: मुल्क में CAA लागू हो गया है. इसके बाद इस कानून का जमकर विरोध हो रहा है. इस बीच AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने CAA को लेकर बीजेपी और असम के चीफ मिनिस्टर हिमंत बिस्वा सरमा पर जमकर हमला बोला है.
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Asaduddin Owaisi on CAA: पूरे मुल्क में CAA लागू हो गया है. इस बीच AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने CAA को लेकर बीजेपी और असम के चीफ मिनिस्टर हिमंत बिस्वा सरमा पर जमकर हमला बोला है.
असम के सीएम पर बोला हमला
उन्होंने कहा, “असम के चीफ मिनिस्ट हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि प्रदेश में आयोजित NPR में सूचीबद्ध 12 लाख हिंदुओं को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी, लेकिन 1.5 लाख मुसलमानों का क्या? लोग कह रहे हैं कि फौरन कुछ नहीं होने वाला है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चीजों को सामने आने में वक्त लगता है.”
#WATCH | Hyderabad: On CAA, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi says, "... Assam CM Himanta Biswa Sarma said the 12 lakh Hindus listed in the NRC conducted in the state will be given Indian citizenship under CAA, but what about the 1.5 lakh Muslims? People are saying nothing is going to… pic.twitter.com/rDyAUxD38y
— ANI (@ANI) March 15, 2024
अमित शाह पर साधा निशाना
ओवैसी ने आगे कहा, "हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने जिस समय ये कहा था कि NPR और NCR भी लागू किया जाएगा, तब उन्होंने मेरा नाम लिया. सरकार को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले सभी लोगों को एक ही नजरिए से देखना चाहिए. मजहब के आधार पर नागरिकता नहीं देनी चाहिए."
अमित शाह ने इन नेताओं पर झूठ बोलने का लगाया इल्जाम
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 12 मार्च को हैदारबाद में CAA लागू करने को जायज ठहराते हुए AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे पर झूठ बोलेने का इल्जाम लगाया था कि नागरिकता संहिता अधिनियम लागू होने के से मुल्क में अल्पसंख्यकों की नागिरकता छीन ली जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर वोटबैंक की राजनीति करने का इल्जाम लगाया था.
CAA के तहत इन लोगों को मिलेगी नागरिकता
साल 2019 में केंद्र सरकार ने CAA में संशोधन किया था. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले 6 अल्पसंख्यकों (हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. इसमें नागरिकता देने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार के हाथों में होगा.