Ban on PFI: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया है. गृह मंत्रालय ने किन वजहों से इस संघठन पर बैन लगाया है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
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Ban on PFI: गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगा दिया है. पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (ANI) ने देश भर में पहले 15 राज्यों में और फिर 9 राज्यों में PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी पहले 106 लोगों और दूसरी बार में तकरीबन 270 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. PFI पर आतंकी फंडिंग करने, देश विरोधी गतिविधि चलाने और नौजवानों को संगठन में भर्ती होने के लिए उकसाने का इल्जाम है. PFI के साथ उसके सहयोगी 8 संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
1. रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)
2. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)
3. ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)
4. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)
5. नेशनल विमेन्स फ्रंट
6. जूनियर फ्रंट
7. एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
8. रिहैब फाउंडेशन
Strong & timely action by Central Government, MHA that has banned the #PFI for a period of five years.
But we have seen in the past how Congress, SP, RJD, Left , etc have given political patronage to terror in name of votebank
How Congress allowed PFI free run in Rajasthan 1/n pic.twitter.com/Hn3zv9bImo
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) September 28, 2022
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1. गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करना तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर प्रदर्शित करना.
2. देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ माहौल तैयार करना. इससे देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने की आशंका है.
3. संगठन के कार्यकलापों से देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की आशंका.
4. पीएफआई के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) से भी रहा है. ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं.
5. चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए काम करना. इससे भय और दहशत का माहौल बनने की संभावना है.
6. विदेशी स्रोतों जैसे बैंकिंग चैनल, हवाला और दान से धन प्राप्त करना और इसे गैरकानूनी गतिविधियों और आतंकी कामों में लगाना. इसी के चलते पीएफआई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है.
7. पीएफआई और इसके सदस्यों का बार-बार हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त रहना. इसमें एक कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना शामिल है.
8. देश के प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना.
9. वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क रखने के उदाहरण जैसे इसके कुछ सदस्य आईएसआईएस में शामिल हुए हैं और सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान में आतंकी कार्यकलापों में भाग लिया हैं. इनमें से कुछ सदस्य इन संघर्ष क्षेत्रों में मारे गए और कुछ को राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है.
10. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की अनुशंसा की है.
ख्याल रहे कि पिछले दिनों NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने मिलकर 22 और 27 सितंबर को कई राज्यों में छापेमारी की. इसमें PFI के 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी की गई जिसमें 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद आज इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया गया.
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