बच्चा बनाने की फैक्ट्री नहीं मुस्लिम महिलाएं, बच्चों को इमाम ना बनाने पर CM को दिया करारा जवाब
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बच्चा बनाने की फैक्ट्री नहीं मुस्लिम महिलाएं, बच्चों को इमाम ना बनाने पर CM को दिया करारा जवाब

Assam CM: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के ज़रिए हाल ही में मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को लेकर दिए गए बयान पर रफीकुल इस्लाम ने करार जवाब दिया है. जानिए क्या कहा.

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Assam CM Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुस्लिम महिलाओं को लेकर दिए गए बयान पर अब वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है. एआईयूडीएफ नेता रफीकुल इस्लाम ने दावा किया देश में जितने भी मुजरिम हैं उनमें से हिंदुओं की तादाद ज्यादा है. कोई इमाम जुर्म नहीं करता. हिंदू के घर में जैसे मां चाहती है कि उनका बेटा पंडित बने, मुसलमान महिला भी चाहती है उनका बेटा इमाम बने. मुख्यमंत्री के इस बयान का जवाब देते हुए रफुलीकुल इस्लाम ने खुद को मिसाल के तौर पर सामने रख कर बताया की वो खुद एक इमाम हैं, प्रोफेसर भी रहें और अब विधायक भी हैं. 

दरअसल हिमंत बिस्वा सरमा मुस्लिम महिलाओं को लेकर कहा था कि वो अपने बच्चों को जनाम इमाम ना बनाकर डॉक्टर और इंजीनियर बनाएं. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को अपने पेट को बच्चा बनाने की फैक्ट्री न बनने देने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को अपने बच्चों को जनाब या इमाम ना बनाने की अपील भी की. उनका दावा था, इमाम या जनाब समाज को खराब करता है. 

मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे भी अपील करते हुए कहा,"मैं मुस्लिम बहनों से कहना चाहता हूं कि बदरुद्दीन (AIUDF के अध्यक्ष, सांसद) की बात न सुनें. दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करें. अगर एक महिला कई बच्चों को जन्म देती है, तो इसका असर उस पर जिस्म पर पड़ता है. इतना ही नहीं हमारे समाज पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा और असम तबाह हो जाएगा.' उन्होंने सांसद बदरुद्दीन अजमल को चुनौती दी कि क्या वह मुसलमान गरीब बच्चों का खर्च उठाने के लिए तैयार हैं? अगर हैं तो हिमंत बिसवा सरमा कुछ नहीं कहेंगे.

सरमा ने बंगाईगव में एक जनसभा को खिताब करते हुए कहा कि हिंदुओं के कम बच्चे होते हैं क्योंकि हिंदू डॉक्टर इंजीनियर बनते हैं, लेकिन मुसलमान परिवार में इतने बच्चे होते हैं कि सही से उन्हें खाना भी नसीब नहीं होता है.

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