Singer Kamlesh Awasthi Dies: आज कमलेश अवस्थी का 78 साल की उम्र में अहमदाबाद में उनके घर पर इंतकाल हो गया. वह पिछले एक महीने से कोमा में थे. अवस्थी के इंतकाल से संगीत जगत में एक खालीपन सा आ गया.
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Singer Kamlesh Awasthi Dies: सूरों के बेताज बादशाह मुकेश कुमार की खनकती आवाज के लोग आज भी दीवाने हैं. उन्होंने कई भाषाओं में गाने गाए, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. मुकेश कुमार ने सैकड़ों फिल्मों और एल्बम में अपनी आवाज दी . उनके गाए हुए गानों की कॉपी भी खूब होने लगी. लेकिन उनकी आवाज को कॉपी करने में सफलता बहुत ही कम और गिने चुने गायकों को ही मिला, जिसमें एक नाम कमलेश अवस्थी का भी है. कमलेश ने "मुकेश" की आवाज को अपनी पहचान बनाई.कमलेश ने हद तक मुकेश की आवाज में ही गाने गाए. यही कारण है कि कमलेश को दूसरे मुकेश की आवाज भी कहे जाने लगा.
आज कमलेश अवस्थी का 78 साल की उम्र में अहमदाबाद में उनके घर पर इंतकाल हो गया. वह पिछले एक महीने से कोमा में थे. अवस्थी के इंतकाल से संगीत जगत में एक खालीपन सा आ गया. उन्होंने ने 'गोपीचंद जासूस' में राज कपूर के लिए अपनी आवाज दी थी. वह 'प्यासा सावन' के हिट गाने 'तेरा साथ है तो...' के लिए काफी मशहूर हुए थे. अवस्थी की एक और उल्लेखनीय प्रस्तुति फिल्म 'नसीब' का गाना 'जिंदगी इम्तिहान लेती है' थी. इस गाने से उन्होंने सदियों तक लोगों के दिलों पर राज किया.
इस एल्बम से मिली पहचान
1945 में सावरकुंडला में जन्मे अवस्थी ने पीएच.डी. की उपाधि ली थी. उन्होंने भावनगर यूनिवर्सिटी और भावनगर में कला गुरु भारभाई पंड्या के गाइडेंस में अपने संगीत करियर की शुरुआत की. उन्हें अपने एल्बम 'ट्रिब्यूट टू मुकेश' से मकबूलियत मिली, जो महान गायक मुकेश के साथ उनकी गायन समानता को दर्शाता है.
राजकपूर ने इस गाने को लेकर की थी तारीफ
उनकी आवाज ने उन्हें 'मुकेश की आवाज' का खिताब दिलाया, खासकर तब जब राज कपूर ने फिल्म 'गोपीचंद जासूस' के लिए उनके गायन की खूब तारीफ की, और कहा कि ऐसा लगा जैसे मुकेश वापस आ गए हैं.
संगीत उद्योग खासकर गुजराती सिनेमा में अवस्थी के योगदान ने उन्हें अलग प्रशंसा दिलाई. उनकी विरासत में कई गुजराती गाने और स्टेज शो में मौजूगी शामिल है, जिससे उन्हें क्षेत्रीय संगीत के नजरिए से काफी इज्जत मिली.